Farmers protest: किसान आंदोलन के चलते पंजाब में डीजल और सिलेंडर की बढ़ी किल्लत, सड़कों के जाम होने से नहीं हो पा रही आपूर्ति
किसानों के प्रदर्शन का आज 16वां दिन है. किसान दिल्ली मार्च पर अड़े हैं. अभी इसे 29 फरवरी तक स्थगित किया गया. किसानों और सरकार के बीच कई स्तर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला.
Farmers protest: MSP समेत अपनी तमाम मांगों को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं. किसान दिल्ली मार्च पर अड़े हैं. प्रदर्शनकारी किसानों ने राजधानी दिल्ली के सभी बॉर्डर पर डेरा डाल रखा है. इतना ही नहीं पंजाब और हरियाणा में भी ऐसा ही हाल है. अब बताया जा रहा है कि पंजाब में किसानों के आंदोलन के चलते डीजल और सिलेंडर की किल्लत बढ़ गई है. समाचार एजेंसी एएनआई ने मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक, सड़क जाम और सुरक्षा कारणों की वजह से पंजाब में डीजल और एलपीजी गैस की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है.
किसानों ने 13 फरवरी को 'दिल्ली चलो' बुलाया था. इसके बाद पंजाब, हरियाणा, यूपी समेत देश के अलग अलग हिस्सों से आए किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. ये किसान दिल्ली कूच पर अड़े हैं. लेकिन दिल्ली पुलिस ने किसानों को राजधानी में घुसने से रोकने के लिए पूरा दमखम लगा दिया है.
29 फरवरी तक किसानों का मार्च स्थगित
इसके लिए सीमाओं पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. इसके अलावा बड़े-बड़े अवरोध बनाए गए हैं. इसके बावजूद किसान दिल्ली में घुसने के लिए पूरा ताकत लगा रहे हैं. इस दौरान किसानों और सुरक्षाबलों के बीच कई बार झड़प की घटनाएं भी सामने आई हैं. हालांकि, किसानों ने 29 फरवरी तक 'दिल्ली चलो' मार्च को स्थगित कर रखा है. हालांकि, किसान सीमाओं पर डटे हैं.
हजारों की संख्या में किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और ट्रकों के साथ हरियाणा और पंजाब की सीमा पर डेरा डाले हुए हैं. इससे पहले किसानों ने खनौरी में सुरक्षाबलों के साथ हुई झड़प में एक किसान की मौत और 12 जवानों के जख्मी होने के बाद 29 फरवरी तक मार्च स्थगित कर दिया था.
किसानों की क्या हैं मांगें?
- किसान एमएसपी की गारंटी पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. ताकि किसानों की उपज को एमएसपी से कम कीमत पर न खरीदा जाए.
- स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए.
- किसान, किसान मजदूरों को पेंशन दी जाए.
- बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी न की जाए.
- लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय मिले.
- भूमि अधिग्रहण की बहाली हो.
- 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा मिले.