TB Free India: दिल्ली के ध्यानचंद स्टेडियम में सांसदों की ओर से आयोजित एक क्रिकेट मैच में एक नया और अनोखा नजारा देखने को मिला. ये मैच न केवल खेल की भावना को बढ़ावा देने के लिए था बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य देश में टीबी (क्षय रोग) को समाप्त करने की मुहिम को तेज करना था. इसमें सांसदों ने न केवल एक साथ क्रिकेट खेला बल्कि यह संदेश भी दिया कि देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हुए लोग किसी भी मुद्दे पर एकजुट हो सकते हैं. इस ऐतिहासिक खेल में भारत के सांसदों ने अपनी एक टीम बनाई और अपनी भूमिका को एक गंभीर सामाजिक मुद्दे के समाधान के रूप में प्रस्तुत किया.


इस मैच में संसद के कई प्रमुख नेताओं ने अपनी बातें शेयर की. पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस आयोजन को लेकर कहा कि ये खेल सिर्फ मनोरंजन नहीं है, बल्कि एक बड़ा उद्देश्य रखता है – टीबी के खिलाफ लड़ाई. राजीव प्रताप रूढ़ी ने कहा कि यह मैच टीबी के खिलाफ देशभर में जागरूकता फैलाने के लिए एक मंच प्रदान करता है. हुडा ने बताया कि वह एक दशक बाद मैदान में उतरे हैं और आज सभी सांसद एकजुट होकर इस महामारी को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं.


सांसदों ने इस खेल आयोजन पर क्या कहा?


सांसदों के लिए यह सिर्फ एक खेल नहीं था बल्कि यह एक प्रतीक था कि राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर एक ही लक्ष्य के लिए काम किया जा सकता है. शाक्य जो 15 साल बाद क्रिकेट मैदान पर उतरे थे. उन्होंने इसे एक नई शुरुआत के रूप में देखा. वहीं निंबलकर ने कहा कि वह छह साल बाद खेल रहे हैं, लेकिन आज की भावना सभी को जोड़ने और समाज के लिए कुछ बड़ा करने की थी.


स्वास्थ्य और फिटनेस के प्रति जागरूकता 


सांसदों ने इस अवसर पर फिटनेस के महत्व को भी रेखांकित किया. वे समझते हैं कि एक स्वस्थ शरीर से ही एक स्वस्थ राष्ट्र की नींव रखी जा सकती है. इस संदर्भ में किरन रिजिजू ने कहा कि खेल के माध्यम से फिटनेस के प्रति लोगों में जागरूकता फैलानी चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि चाहे कोई भी पार्टी हो, लेकिन खेल में हर किसी की भूमिका एक जैसी होती है और यह सभी सांसदों को एकजुट करता है.


सांसदों ने राजनीतिक कटुता को पीछे छोड़कर खेल में लिया हिस्सा 


सांसदों के बीच प्रतिस्पर्धा और सहयोग दोनों का आदान-प्रदान हुआ. इस आयोजन में कुछ सांसदों ने राजनीतिक कटुता को पीछे छोड़ते हुए एक-दूसरे के साथ मिलकर खेल को आगे बढ़ाया. मनोज तिवारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह चुनावी तैयारी नहीं है, ये टीबी के खिलाफ एकजुट होने की तैयारी है. इस दौरान सांसदों ने यह संदेश दिया कि राजनीति की सीमाओं से बाहर भी हम सभी एक साथ काम कर सकते हैं.


टीबी मुक्त भारत की ओर एक कदम और


इस क्रिकेट मैच ने ये साबित कर दिया कि भारतीय राजनीति के शिखर पर बैठे नेताओं में भी समाज के प्रति जिम्मेदारी और एकजुटता की भावना है. ये आयोजन एक बड़ी मुहिम का हिस्सा था जिसका उद्देश्य देश को टीबी मुक्त बनाना है. राम मोहन नायडू ने इस पहल को गर्व की बात बताते हुए कहा कि ये आयोजन दर्शाता है कि देश में हम सभी एक साथ खड़े हैं चाहे हमारे रास्ते अलग हों. माना जा रहा है कि अब सांसदों ने राजनीति से हटकर इस खेल के माध्यम से देशवासियों को एकजुट होने का संदेश दिया है.


इस आयोजन से एक नई दिशा की शुरुआत


इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि सांसदों के बीच की दरारों को पाटने के लिए खेल एक बेहतरीन माध्यम हो सकता है. इस आयोजन के बाद सांसदों ने इस पर जोर दिया कि हमें स्वास्थ्य और फिटनेस के महत्व को समझते हुए देश के हर नागरिक तक ये संदेश पहुंचाना चाहिए कि हम सब मिलकर एक स्वस्थ और समृद्ध भारत बना सकते हैं.


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