भारत-चीन की सेनाओं के बीच मेजर जनरल स्तरीय वार्ता बेनतीजा रही: सूत्र
भारत और चीन की सेनाओं के डिविजनल कमांडरों के बीच बैठक बेनतीजा रही हैं. मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई. छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में इसी पर सहमति बनी थी.
नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार को चीन के साथ हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए हैं. 45 साल में ऐसा पहला मामला है जब भारत-चीन की झड़प में किसी सैनिका का खून बहा हो. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प वाले स्थान के पास भारत और चीन की सेनाओं के डिविजनल कमांडरों के बीच बैठक बेनतीजा रही है.
सैन्य सूत्रों ने इस बारे में बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई. छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में इसी पर सहमति बनी थी.
लेह स्थित 3 इन्फेंट्री डिविजन के कमांडर मेजर जनरल अभिजीत बापट ने वार्ता में भारतीय प्रतिनिधित्व का नेतृत्व किया. मंगलवार को भी दोनों पक्षों के बीच मेजर जनरल स्तरीय बातचीत हुई. एक सूत्र ने बताया, "दोनों पक्षों की ओर से हिंसक झड़प के मुद्दे उठाए गए. भारत ने क्षेत्र में पीछे हटने की प्रकिया में तेजी लाने को कहा है. हालांकि कोई सफलता नहीं मिली." गलवान घाटी में सोमवार को हिंसक झड़प में भारत के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए.
चीन ने आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने 15 जून को दो बार अवैध गतिविधियों के लिए सीमा रेखा लांघी और चीन के कर्मियों को उकसाया और उन पर हमले किए जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच गंभीर मारपीट हुई. साथ ही उसने भारतीय सेना के इस बयान का विरोध किया कि गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई.
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