देर रात जम्मू कश्मीर में बड़ी हलचल, जानें बड़े नेताओं की नजरबंदी से लेकर अब तक क्या हुआ ?
देर रात पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को नजरबंद कर दिया गया है. इन दोनों नेताओं को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है. पूरे कश्मीर में धारा 144 लागू है. मोबाइल, इंटरनेट सेवा भी बंद है, लैंडलाइन के फोन भी काम नहीं कर रहे हैं.
नई दिल्ली: कश्मीर को लेकर हलचल तेज है, आशंकाओं और कयासों का दौर जारी है. इस बीच देर रात जम्मू कश्मीर में बड़ी हलचल देखने को मिली. देर रात पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को नजरबंद कर दिया गया है. इन दोनों नेताओं को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है. पूरे जम्मू-कश्मीर में धारा 144 लागू है, आज सुबह जम्मू में धारा 144 लगाने की खबर आई. इसके साथ ही पूरे राज्य मोबाइल, इंटरनेट सेवा भी बंद है, लैंडलाइन के फोन भी काम नहीं कर रहे हैं. राज्य के स्कूल और कॉलेज को भी बंद किया गया. राज्य में सचिवालय, पुलिस मुख्यालय, एयरपोर्ट और अन्य संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
कल देर रात जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ''मुझे लगता है कि मुझे आज आधीरात से घर में नजरबंद किया जा रहा है और मुख्यधारा के अन्य नेताओं के लिए भी यह प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई है. इसकी सच्चाई जानने का कोई तरीका नहीं है लेकिन अगर यह सच है तो फिर आगे देखा जाएगा.’’
उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''कश्मीर के लोगों के लिए हमें नहीं मालूम कि क्या चल रहा है लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि अल्लाह ने जो भी सोचा है वह हमेशा बेहतर होगा, हमें यह शायद अभी नजर न आए लेकिन हमें कभी उनके तरीकों पर शक नहीं करना चाहिए. हर किसी को शुभकमानाएं, सुरक्षित रहे और सबसे जरुरी कृपया शांति बनाए रखें.''
उमर अब्दुल्ला ने लिखा, ''मुझे नहीं पता कि हमारे राज्य के साथ क्या होने वाला है लेकिन ऐसा लगता है कि कुछ ठीक नहीं होने वाला है. मुझे पता है कि जो हो रहा है उससे आप दुखी हैं लेकिन कृपया आप शांति बनाए रखें और कानून हाथ में न लें. हिंसा से उन्हीं लोगों को मदद मिलेगी जो राज्य का हित नहीं चाहते हैं. ये वो भारत नहीं है जिसमें जम्मू कश्मीर का विलय हुआ था. मैं उम्मीद नहीं छोड़ने वाला हूं.''
इसके बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘‘मोबाइल फोन कनेक्शन समेत जल्द ही इंटरनेट बंद किए जाने की खबरें सुनी. कर्फ्यू का आदेश भी जारी किया जा रहा है. अल्लाह जानता है कि हमारे लिए कल क्या इंतजार कर रहा है. यह रात लंबी होने वाली है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इतने मुश्किल वक्त में, मैं अपने लोगों को आश्वस्त करना चाहती हूं कि जो भी हो हम एकजुट हैं और हम एक साथ लड़ेंगे. जिस पर हमारा अधिकार है उसके लिए लड़ने के हमारे संकल्प को कोई भी चीज नहीं डिगा सकती.’’
इसके बाद महबूबा मुफ्ती ने लिखा, ''ये कैसी विडंना है कि हमारे जैसे चुने हुए प्रतिनिधि जिन्होंने शांति के लिए लड़ाई लड़ी उन्हें नजरबंद कर दिया गया है. दुनिया देख रही है कि किस तरह लोगों की आवाज दबाई जा रही है. उसी कश्मीर को दबाया जा रहा है जिसने लोकतंत्र के लिए भारत को चुना था. देश के लोग जाग जाएं. मुश्किल हालात में मैं लोगों को ये भरोसा देना चाहती हूं कि रास्ते में जो भी कठिनाई आए हम एकजुट रहेंगे और लड़ाई लड़ेंगे. जिस पर हमारा हक है वो हमसे कोई नहीं छीन सकता.'' पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी नेता होने का बावजूद वाजपेयी जी कश्मीर के लोगों से प्यार करते थे और कश्मीर के लोग भी उन्हें प्यार करते थे. आज उनकी कमी हमें सबसे ज्यादा महसूस हो रही है.
उमर अब्दुल्ला के नजरबंदी वाले ट्वीट के समर्थन में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा कि वे अकेले नहीं हैं. थरूर ने लिखा, ''उमर अब्दुल्ला आप अकेले नहीं हैं. हर लोकतांत्रिक भारतीय कश्मीर के नेताओं के साथ है. संसद सत्र चल रहा है हमारी आवाज को खामोश नहीं किया जा सकता. जम्मू कश्मीर में क्या चल रहा है? रात में नेताओं की गिरफ्तारी क्यों की गई है जिन्होंने कोई गलती नहीं की है. अगर कश्मीर के लोग हमारे नागरिक हैं तो उनके नेता भी हमारे साथी हैं. निश्चित रूप से आतंकवादियों और अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई में मुख्य धारा के नेताओं को साथ लेकर चलना चाहिए. अगर हम उन्हें अलग-थलग करेंगे तो बचा कौन है?''