श्रीनगर: जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करने के एक साल पूरा होने के मौके पर विचार विमर्श के लिए बैठक की अधिकारियों की तरफ से अनुमति नहीं दिये जाने पर मुख्यधारा के कई नेताओं ने अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा है कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निष्प्रभावी किए जाने के बाद उत्पन्न हालात पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को यहां स्थित अपने आवास पर सर्वदलीय बैठक बुलायी थी, लेकिन प्रशासन ने महामारी के चलते लागू पाबंदियों के कारण नेताओं को वहां पहुंचने की इजाजत नहीं दी.
बीजेपी नेताओं ने मनाया जश्न
भारतीय जनता पार्टी की कश्मीर इकाई ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की समाप्ति के एक साल पूरा होने पर बुधवार को जश्न मनाया. बीजेपी नेताओं ने पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं में मिठाइयां बांटी. इसकी तस्वीरें पत्रकारों की तरफ से सोशल मीडिया पर डाली गई. बीजेपी नेताओं की तरफ से मिठाई बांटने की तस्वीरों का उल्लेख करते हुए फारुक अब्दुल्ला के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा अपने पाखंड का प्रदर्शन कर रही है. वे इकट्ठा हो सकते हैं और जश्न मना सकते हैं. हममें से बाकी लोग चर्चा करने के लिए भी नहीं मिल सकते हैं, जम्मू कश्मीर में क्या हो रहा है.’’
फारुक अब्दुल्ला को नहीं मिली थी बैठक की इजाज़त
अब्दुल्ला की तरफ से बुलाई गई बैठक जब नहीं हो सकी तो उनके बेटे उमर ने ट्वीट किया, ‘‘एक साल बाद, यह आज गुप्कर रोड है, हमारे घर के सामने पुलिस वाहन, नियमित अंतराल पर सड़क पर तार लगी हैं और किसी भी वाहन को अनुमति नहीं है. मेरे पिता ने मौजूदा स्थिति पर विचार-विमर्श करने के लिए मुख्य धारा के दलों के नेताओं की बैठक बुलाई थी.’’
बीजेपी महासचिव राम माधव के पहले के उस बयान की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए कि नेताओं को अपनी गतिविधियां बढ़ानी चाहिए, उमर ने कहा, ‘‘स्पष्ट रूप से बैठक करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. बीजेपी को पांच अगस्त को मनाने के लिए 15 दिन के जश्न की घोषणा करने की अनुमति मिलती है और हमारे मुट्ठी भर लोगों को मेरे पिता के लॉन पर मिलने की अनुमति नहीं है.’’
पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का ट्विटर हैंडल उनकी बेटी इल्तिजा संभाल रही हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाली तक पांच अगस्त को काला दिवस के तौर पर मनाया जाएगा. यह हमारी पहचान और अस्तित्व का मुद्दा है, यह हम सभी की लड़ाई है जिसे हमें सामूहिक रूप से लड़नी है.’’
पीडीपी कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन
उन्होंने पीडीपी के चार कार्यकर्ताओं की एक तस्वीर भी पोस्ट की, जो श्रीनगर में पार्टी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके बाद इसे अधिकारियों ने सील कर दिया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कड़े और अनौपचारिक कर्फ्यू के बावजूद, कुछ मुट्ठी भर पीडीपी कार्यकर्ता आज श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन करने में कामयाब रहे. संख्या भले ही कम लगे, लेकिन यह इसका प्रतीक है कि जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए शांतिपूर्वक विरोध करना कितना कठिन है.’’
वहीं माकपा नेता एम वाई तारिगामी ने प्राधिकारियों पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, ‘‘आज, नेताओं को इस क्षेत्र की राजनीतिक चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए डा. फारूक अब्दुल्ला के निवास पर मिलना था. लेकिन दुर्भाग्य से, हमें अनुमति नहीं दी गई.’’
उमर ने ट्वीट करके उन्हें जवाब दिया, "तारिगामी साहब चिंता करने की जरूरत नहीं, कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को श्रीनगर में इसके लिए लाया गया है कि राष्ट्र को यह बताया जा सके सब कुछ कितना सामान्य है. मुझे लगता है कि वे एक तरह से सही हैं क्योंकि यह ‘नए कश्मीर के लिए नया सामान्य’ है.’’
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