दरअसल ग्यारसपुर के एक स्वास्थ्य केंद्र में महिला नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया. इस दौरान 41 महिलाओं ने नसबंदी करवाई. लेकिन ऑपरेशन के तत्काल बाद ही उन महिलाओं को अस्पताल परिसर में ही फर्श पर लिटा दिया गया. उन महिलाओं को एक बेड तक नसीब नहीं हो सका. जहां एक तरफ स्वास्थ्य विभाग नसबंदी को लेकर समाज में जागरूकता लाने की बात करता है, वहीं दूसरी तरफ ग्यारसपुर ये घटना स्वास्थ्य विभाग के बेहद लापरवाह रवैये को उजागर करने के साथ- साथ विभाग को शर्मसार भी करती है.
विदिशा के प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के एस अहिरवार का कहना है कि वह मालमे की जांच करवाएंगे. उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. वहीं मंगलवार रात को जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि उनको इस मामले में जानकारी प्राप्त हो गई है. साथ ही मामले की जांचे के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी.
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