नई दिल्लीः सोमवार को दक्षिण जम्मू में आतंकियों को ढेर करने वाले मेजर रोहित शुक्ला देहरादून के रहने वाले हैं. रोहित शुक्ला का जन्म देहरादून में ही हुआ है और उनकी पढ़ाई भी देहरादून के सेंट जोसेफ से हुई है. समीर टाइगर को मारने वाले मेजर रोहित शुक्ला को हाल ही में शौर्य चक्र भी मिला है. आज भी उनका पूरा परिवार देहरादून में रहता है लिहाजा जैसे ही परिवार को इस मुठभेड़ की खबर मिली और मुठभेड़ में यह मालूम हुआ कि मेजर रोहित शुक्ला इस ऑपरेशन का नेतृत्व करते हुए घायल हो गए हैं वैसे ही पूरे परिवार में मायूसी छा गई.
आतंकी बोला- शुक्ला, मां का दूध पिया है तो सामने आओ..लड़ो, सुबह मेजर शुक्ला ने चिथड़े उड़ा दिए
रोहित शुक्ला के पिता ज्ञान शंकर शुक्ला ने कहा कि बेटे को गोली लगी है लेकिन उन्हें गर्व है कि बेटे ने कश्मीर के उस आतंकवादी को मार गिराया है जो वहां के युवाओं को भड़का रहा था. हिजबुल मुजाहिद्दीन के शीर्ष आतंकियों में माने जाने वाला कमांडर समीर टाइगर और अकीब खान मेजर रोहित शुक्ला द्वारा चलाए गए ऑपरेशन में मारे गए है लिहाजा उनकी मौत के बाद रोहित शुक्ला के परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है.
बढ़ गयी थी दिल की धड़कन
रोहित के पिता ज्ञान शंकर शुक्ला कहते हैं कि उनके बेटे को इससे पहले भी इसी तरह से आतंकी कार्रवाई में गंभीर चोट आई है लेकिन उन्होंने कभी भी इस बारे में ना तो सोचा और ना ही बेटे से कभी ये पूछा कि सेना में कोई तकलीफ तो नहीं. शंकर शुक्ला का कहना है कि जिस वक्त ऑपरेशन खत्म हुआ और यह खबर आई कि मेजर रोहित शुक्ला गंभीर रूप से घायल है तो पहले तो उन्होंने पूरे परिवार को समझाया और उसके बाद सेना के अधिकारियों से संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन जब खबर मिली कि मेजर रोहित खतरे से बाहर हैं तब जाकर पूरे परिवार की जान में जान आई. ज्ञान शंकर शुक्ला कहते हैं कि आतंकियों ने बेटे को ये कहकर ललकारा था कि 'अगर मां का दूध पिया है तो बाहर निकल'-तब बेटे ने जवाबी कार्रवाई में आतंकियों को ढेर किया है.
हर घर से निकलना चाहिए एक सैनिक
ज्ञान शंकर शुक्ला कहते हैं कि हमें यह समझना चाहिए कि देश की सेवा के लिए हर घर से एक बच्चे की परवरिश होनी चाहिए जो आगे चलकर किसी भी तरह से देश की सेवा करे. ज्ञान शंकर शुक्ला का कहना है कि आज हमें गर्व है कि उनका बेटा इस तरह की कार्रवाई को अंजाम दे रहा है और अपनी गोलियों से आतंकियों को शिकार बना रहा है. वहीं रोहित शुक्ला की मां विजय लक्ष्मी शुक्ला ने कहा कि एक समय के लिए घबराहट तो हुई लेकिन जब अचानक अनजाने नंबर से फोन आया और फोन पर रोहित शुक्ला खुद बात कर रहे थे तो उनकी जान में जान आई.
मुझे मेरे बेटे पर है गर्व
रोहित शुक्ला की मां का कहना है कि आतंकियों के इस ऑपरेशन को खत्म करने के बाद रोहित ने उन्हें फोन किया और यह बात बताई कि आज उन्होंने दो आतंकवादियों को मार गिराया है. रोहित की मां ने कहा कि बेटे का जीवन देश के लिए है लिहाजा अगर वह जान पर खेलकर भी देश की सेवा कर रहा है तो ना केवल उन्हें गर्व है बल्कि इसको लेकर पूरे देश को गर्व होना चाहिए. रोहित शुक्ला की मां और पिता देहरादून के इंदर रोड में रहते हैं और उनके पिता वकील हैं.