Detail: गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने में सरकार को हो सकती है ये दिक्कत!
नई दिल्ली: केरल में कैमरे पर गाय काटने के बड़े कांड के बीच राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार ने ऐसा सुझाव दे दिया है जिसने गोरक्षकों का दिल बाग बाग कर दिया है. राजस्थान हाईकोर्ट में राजस्थान की हिंगोनिया गोशाला से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए सरकार को सुझाव दे दिया कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर देना चाहिए. इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा है कि जो गोवध करे उसकी सजा उम्रकैद कर देनी चाहिए.
हाईकोर्ट के सामने जागो जनता सोसायटी की याचिका आई थी जिसने हिंनगोनिया गोशाला में गायों की मौत को लेकर कोर्ट का दरवाजा खड़खटाया था. राजस्थान हाई कोर्ट के जज जस्टिस महेश चंद्र शर्मा ने अपने रिटायरमेंट के दिन गाय पर सरकार को सुझाव दे डाला. जस्टिस शर्मा ने राजस्थान के मुख्य सचिव और महाधिवक्ता को गाय का लीगल कस्टोडियन बना दिया.
राजस्थान हाईकोर्ट ने नेपाल का उदाहरण देते हुए कहा कि नेपाल हिंदू राष्ट्र है और उसने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया हुआ है. भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां मवेशी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. संविधान की धारा 48 और 51ए(जी) के मुताबिक राज्य सरकार गाय को कानूनी दर्जा दिलाने के लिए कार्रवाई करे. जिस संविधान की धारा का जिक्र हाईकोर्ट जज ने 145 पेज के आदेश में दिया है उसमें लिखा है कि नस्लों को उन्नत बनाने के लिए गाय, बछड़ों को नहीं मारना चाहिए. धारा 48 संविधान के नीति निर्देशक जिससे मानना सरकार के लिए जरूरी नहीं होता है.
क्या है सरकार का नया नियम? पीटीसी-गाय को लेकर हाईकोर्ट के इस सुझाव से ठीक पहले 26 मई को मोदी सरकार ने वध के लिए मवेशियों की खरीद-फरोख्त को रोक लगा दी है. पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम में सख्त पशु क्रूरता निरोधक नियम जोड़ दिया है. इसका मतलब ये है कि मवेशी को बाजार में खरीदने या बेचने लाने वाले को ये सुनिश्चित करना होगा कि मवेशी को बाजार में कत्ल के मकसद से खरीदने या बेचने के लिए नहीं लाया गया है. नए नियम के दायरे में गाय, बैल, सांड, बधिया बैल, बछड़े, बछिया, भैंस और ऊंट जैसे मवेशी आएंगे.
जमकर हो रही है विरोध और समर्थन की राजनीति गाय को लेकर जबर्दस्त राजनीति करने वाली बीजेपी सरकार के इस फैसले से देश में राजनीतिक भूचाल आया हुआ है. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, केरल के सीएम पी विजयन समेत कई मुख्यमंत्रियों ने खुलकर मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध कर दिया है. सिर्फ नेता ही नहीं, बल्कि छात्र भी इसका विरोध कर रहे हैं. विरोध के लिए ही छात्रों ने आईआईटी मद्रास में बीफ फेस्टिवल का आयोजन कर डाला. चेन्नई में विवाद इतना बढ़ चुका है कि आज चेन्नई में छात्र और डीएमके नेता एक साथ विरोध करते दिखे.
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने लगाई 4 हफ्ते की रोक मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने मोदी सरकार के फैसले पर 4 हफ्ते की रोक लगाकर सरकार से जवाब मांगा है. मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने कहा कि लोगों की फूड हैबिट तय करना सरकार का काम नहीं है। पसंद का खाना चुनना निजी मामला है और कोई इसमें दखल नहीं दे सकता है. हाईकोर्ट के आदेश पर मोदी सरकार का पक्ष तो नहीं आया नहीं है लेकिन केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा है कि गोहत्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
सरकार के लिए कोर्ट का सुझाव मानना आसान नहीं सरकार के लिए आसान नहीं होगा राजस्थान हाईकोर्ट के इस सुझाव को मानना कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए क्योंकि देश में गाय को कानून भी अलग अलग हैं और सजा भी. दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर में गोहत्या पर प्रतिबंध है. सिर्फ गाय ही नहीं, बछड़ा, बैल और सांड को भी नहीं मार सकते हैं. मारने पर सजा का प्रावधान है.
कुछ राज्य ऐसे हैं जहां गोहत्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है. केरल, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम और केंद्र शासित लक्षद्वीप में खुलेआम गाय, बछड़े, भैंस का मांस बिकता है. बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा में गाय और बछडे को तो नहीं मार सकते लेकिन बैल, भैंस, सांड़ के मांस को बेचने, खाने की छूट है.