तिरुवेदांताई: देश में ही एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमान के मैन्युफैक्चरिंग के लिए बोइंग इंडिया ने सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और प्राइवेट सेक्टर की महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स के साथ साझेदारी की घोषणा की है.
कंपनी की नजर भारतीय वायुसेना के 110 लड़ाकू विमानों के ऑर्डर पर है. बोइंग ने कहा कि इस साझेदारी से भारत में भविष्य की टेक्नॉलजी की साझे विकास में भी मदद मिलेगी जो भारत के हवाई क्षेत्र और रक्षा क्षेत्र को बदल देगी.
कंपनी ने एक बयान में कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ के तहत सुपर हॉर्नेट के लिए एक नया अत्याधुनिक उत्पादन संयंत्र स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है. इसका इस्तेमाल भारत के अत्याधुनिक मध्यम लड़ाकू विमान कार्यक्रम में किया जा सकेगा.
बोइंग इंडिया के अध्यक्ष प्रत्यूष कुमार ने कहा, ‘‘बोइंग, भारत की एकमात्र फाइटर प्लेन मैन्युफैक्चरर कंपनी HAL और छोटे कॉमर्शियल प्लेन बनाने वाली इकलौती कंपनी एमडीएस के साथ साझेदारी को लेकर उत्साहित है.’’
इस साझेदारी की घोषणा यहां चल रही रक्षा प्रदर्शनी के दूसरे दिन हुई है. इस संबंध में यहां एक समझौते पर कुमार और एचएएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक टी. सुवर्ण राजू और एमडीएस के चेयरमैन एस. पी. शुक्ला ने हस्ताक्षर किए.
भारतीय वायुसेना के 110 विमानों के ऑर्डर की आपूर्ति कर सकता है बोइंग
बोइंग उन प्रमुख कंपनियों में है जो भारतीय वायुसेना के 110 विमानों के ऑर्डर की आपूर्ति कर सकती है. इसके अलावा लॉकहीड मार्टिन, साब, दसॉल्ट और मिग के भी इसमें शामिल होने की संभावना है. भारतीय वायुसेना ने इस बड़ी खरीद के लिए छह अप्रैल को शुरुआती टेंडर भी निकाला है. विमान बनाने वाली कंपनियों को अपने प्रस्ताव छह जुलाई तक भेजने हैं.
कंपनी के एक बयान के मुताबिक सुपर हॉरनेट लड़ाकू विमान की ना सिर्फ अधिग्रहण लागत कम है बल्कि इसको उड़ाने की प्रतिघंटा लागत भी अन्य विमानों से कम है. कुमार ने कहा कि इस संयुक्त उपक्रम में बड़ी मात्रा में निवेश किया जाएगा. हालांकि, उन्होंने किसी तरह के आंकड़े की जानकारी देने से मना कर दिया.