Malabar Exercise: चीन से गतिरोध के बीच भारत बंगाल की खाड़ी में करेगा मालाबार युद्धभ्यास, ये देश होंगे शामिल
Malabar Exercise: मालाबार एक्सरसाइज हमेशा से चीन की आंख में खटकती रहती है. कुछ साल पहले चीन की धमकी के बाद ऑस्ट्रेलिया ने इस युद्धभ्यास में हिस्सा लेना बंद कर दिया था.
Malabar Exercise: पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर एक बार फिर चीन से गतिरोध बढ़ने के बीच भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं आज से बंगाल की खाड़ी में मालाबार युद्धभ्यास शुरू करने जा रही हैं. 12-15 अक्टूबर तक चलने वाली इस मेरीटाइम एक्सरसाइज में अमेरिकी नौसेना का न्युक्लिर एयरक्राफ्ट कैरियर, यूएसएस कार्ल विंसन हिस्सा ले रहा है तो भारतीय नौसेना की एक पनडुब्बी भी इस वॉर-गेम का हिस्सा होगी.
भारतीय नौसेना के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में होने जा रही मालाबार 2021 एक्सरसाइज का ये दूसरा चरण है. पहला चरण अगस्त के महीने में फिलीपींस के समंदर में गुआम द्वीप के करीब हुआ था.
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, दूसरे फेज़ की एक्सरसाइज पहले चरण के दौरान चारों देशों की नौसेनाओं के तालमेल, समन्वय और अंतःक्रियाशीलता पर आधारित होगी. इस दौरान एडवांस सर्फेस यानि उन्नत सतह, एंटी सबमरीन वॉरफेयर युद्ध अभ्यास, वैपन फायरिंग और सीमैनशिप का अभ्यास किया जाएगा.
मालाबार एक्सरसाइज के दूसरे चरण में भारतीय नौसेना की एक पनडुब्बी के अलावा आईएनएस रणविजय और आईएनएस सतपुड़ा युद्धपोत सहित पी8आई टोही विमान हिस्सा लेंगे. अमेरिकी नौसेना की तरफ से निमित्ज-क्लास कार्ल विंसन विमानवाहक युद्धपोत सहित दो डेस्ट्रोयर, यूएसएस लेक चैंपियन और यूएसएस स्टॉकडेल हिस्सा लेंगे.
जापान की नौसेना की तरफ से मालाबार एक्सरसाइज में जेएस कागा और जेएस मुरासेम हिस्सा ले रहे हैं. ऑस्ट्रेलियाई नौसेना की तरफ से एचएमएएस बलारत और एचएएमएस सिरियूस हिस्सा ले रहे हैं.
आपको बता दें कि मालाबार एक्सरसाइज हमेशा से चीन की आंख में खटकती रहती है. कुछ साल पहले चीन की धमकी के बाद ऑस्ट्रेलिया ने इस युद्धभ्यास में हिस्सा लेना बंद कर दिया था. लेकिन पिछले साल से एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया ने मालाबार में शिरकत करनी शुरू कर दी है. मालाबार एक्सरसाइज की शुरूआत भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास से हुई थी. बाद में जापान भी इसमें शामिल हो गया था.
मालाबार एक्सरसाइज का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में फ्री, ओपन, इनक्लुजिव और रूल बेस्ड इंटरनेशल ऑर्डर को स्थापित करना है, जबकि चीन इस तरह की व्यवस्था को नहीं मानता है.
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