नई दिल्ली: एलएसी पर भारत से और साउथ चायना सी में अमेरिका से चल रही तनातनी के बीच आज से भारत सहित दुनिया के तीन बड़े लोकतांत्रिक देशों की नौसेनाएं हिंद महासागर में मालाबार युद्धभ्यास शुरू कर रही हैं. पहली बार मालाबार एक्सरसाइज में ऑस्ट्रेलिया की नौसेना भी हिस्सा लेने जा रही है. लेकिन चीन को ये एक्सरसाइज कभी फूटी आंख नहीं सुहाती है.
दो चरणों में होगी एक्सरसाइज
भारतीय नौसेना के मुताबिक, इस साल मालाबार एक्सरसाइज दो चरणों में हो रही है. पहला चरण 3-6 नबम्बर को बंगाल की खाड़ी में होगा, जबकि दूसरा फेज़ मिड-नबम्बर (संभवत: 17-20 नबम्बर) में अरब सागर में होगा.
इस साल मालाबार युद्धभ्यास में अमेरिकी नौसेना का (गाईडेड मिसाइल डेस्ट्रोयर), यूएसएस जॉन मैककैन हिस्सा ले रहा है. सोमवार को ये युद्धपोत अंडमान निकोबार के समंदर में पहुंच गया जहां आस्ट्रेलिया नौसेना के लॉन्ग रेंज फ्रीगेट एचएमएएस बैलर्ट के साथ साझा युद्धाभ्यास किया. ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के बैलर्ट युद्धपोत के साथ एमएच-60 हेलीकॉप्टर भी है मालाबार एक्सरसाइज में हिस्सा ले रहा है. जापानी नौसेना का जेएस ओनमी (डेस्ट्रोयर) एसएच-60 हेलीकॉप्टर के साथ युद्धभ्याय में शिरकत कर रहा है.
भारत के चार वॉरशिप ले रहे हैं हिस्सा
नौसेना ने बयान जारी कर कहा कि भारत की पूर्वी नौसेना कमान की फ्लीट (जंगी बेड़े) मालाबार में हिस्सा ले रही है. इस जंगी बेड़े में भारतीय नौसेना के चार वॉरशिप हिस्सा ले रहे हैं. इनमें आईएनएस रणविजय (डेस्ट्रोयर), आईएनएस शिवालिक (फ्रीगेट), आईएनएस सुकन्या (ऑफसोर पैट्रोल वैसल) और आईएनएस शक्ति (फीलिट सपोर्ट शिप) शामिल हैं. इसके अलावा भारतीय नौसेना की आईएनएस सिंधुराज पनडुब्बी हिस्सा ले रही है. भारतीय नौसेना का एजेटी हॉक एयरक्राफ्ट, लॉन्ग रेंज मैरीटाइम रिनोकेसेन्स एंड पैट्रोल एयरक्राफ्ट, पी8आई और डोरनियर मैरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट सहित हेलीकॉप्टर्स भी हिस्सा ले रहे हैं.
नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, पहले चरण की एक्सरसाइज़ में सर्फस, एंटी-सबमरीन और एंटी-वॉरफेयर ऑपरेशन्स जैसे एडवांस और कॉम्पलेक्स एक्सरसाइज़ के साथ साथ क्रॉस-डेक फ्लाईंग, सीमैनशिप इवोल्येशन और वैपन फायरिंग का अभ्यास भी किया जाएगा.
मालाबार एक्सरसाइज का इतिहास
बता दें कि मालाबार एक्सरसाइज की शुरूआत भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच 1992 में हुई थी. वर्ष 2015 में जापान ने भी इस युद्धभ्यास में हिस्सा लेना शुरू कर दिया. उसके बाद से ही ये एक्सरसाइज एक साल अमेरिका के समंदर में तो एक साल जापान की समुद्री-सीमा में और एक साल भारत के समंदर में होती है. वर्ष 2018 में मालाबार एक्सरसाइज अमेरिकी मिलिट्री बेस, गुआम के करीब फिलीपींस-समंदर में हुई थी, वहीं 2019 में जापान में हुई थी. इस साल के अंत में ये एक्सरसाइज बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में होने की उम्मीद है. कोरोना के चलते ये एक्सरसाइज पूरी तरह से नो-कॉन्टेक्ट होगी और समंदर में ही होगी (पोर्ट-एक्सरसाइज नहीं होगी). नौसेना के मुताबिक, मालाबार-2020 से अभ्यास में हिस्सा लेने वाले देशों की नौसेनाओं के बीच समन्वय मजूबत होने की संभावना है.
जब जापान ने मालाबार एक्सरसाइज में शिरकत करने की कोशिश की थी तो चीन ने इसका बाकयदा विरोध किया था. क्योंकि चीन को लगता था कि भारत-अमेरिका और जापान उसके खिलाफ लामबंद हो रहे हैं. लेकिन वर्ष 2015 में भारत ने चीन का विरोध दरकिनार कर जापान को मालाबार एक्सरसाइज में शामिल कर लिया था.
भारत के रक्षा मंत्रालय ने पिछले हफ्ते ही बयान जारी कर कहा था कि मालाबार2020 में हिस्सा लेने वाले देशों में समुद्री-परिक्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने में मदद तो मिलेगी ही, साथ ही एक साथ मिलकर फ्री, ओपन और इन्कुलिजव इंडो-पैसेफिक (हिंद-प्रशांत महासागर) पर जोर देते हैं. ये सभी चारों देश नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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