Indian Navy: हिंद महासागर को प्रशांत महासागर से जोड़ने वाला सामरिक महत्व का मलक्का-स्ट्रेट 'पायरेसी-हब' यानि समुद्री-लुटेरों को गढ़ बनता जा रहा है. इस बात का खुलासा खुद भारतीय नौसेना की मासिक रिपोर्ट से हुआ है. भारतीय नौसेना के इंफोर्मेशन-फ्यूजन सेंटर-आईओआर के मुताबिक, पिछले महीने यानी अप्रेैल में कुल 20 समुद्री-लूटपाट की घटनाएं सामने आई है. मलक्का-जलडमरुमध्य  भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों को जोड़ने का एक अहम व्यापारिक समुद्री-मार्ग है.


भारतीय नौसेना के गुरुग्राम स्थित इंफोर्मेशन फ्यूजन सेंटर-इंडियन ओसियन रीजन यानी आईएफसी-आईओआर की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल महीने में हिंद-महासागर और उससे सटे क्षेत्रों में पायरेसी, आर्म्ड रोबरी, स्मगलिंग, गैर-कानूनी फिशिंग, मानव-तस्करी इत्यादि की कुल 313 घटनाएं सामने आईं है. सबसे चौकान्ने वाली बात ये है कि पायरेसी की घटनाएं जहां फारस की खाड़ी, सोमालिया, स्ट्रेट ऑफ होरमुज और अरब सागर में लगातार कम हो रही हैं वहीं समुद्री-लूटपाट और चोरियों की घटनाएं स्ट्रेट ऑफ मलक्का एंड सिंगापुर (एसओएमएस) में लगातार बढ़ रही हैं.

एसओएम क्षेत्र में इन पायरेसी की घटनाओं को देखते हुए भारतीय नौसेना ने यहां से गुजरने वाले सभी कार्गो, मालवाहक जहाज और टैंकर्स का सलाह दी है कि समुद्री-डकैतों से किसी भी तरह के टकराव और झड़प से बचने की सलाह दी है क्योंकि पायरेट्स हथियारों से लैस होते हैं.


जलडमरुमध्य बेहद छोटा है और कम गहरा है


मलक्का और सिंगापुर स्ट्रेट के पायरेसी हब बनने पर भारतीय नौसेना के पूर्व प्रवक्ता, कैप्टन डी के शर्मा का मानना है कि यें जलडमरुमध्य बेहद छोटा है और कम गहरा है. इसके चलते यहां से गुजरने वाले समुद्री-जहाज को अपनी स्पीड बेहद कम करनी होती है और इसका फायदा समुद्री-डकैत उठाने की कोशिश करते हैं. आईएफसी-आईओआर की रिपोर्ट ये भी बताती हैं कि फिलीपींस, मलेशिया और सिंगापुर के करीब कुछ आईलैंड पर एंकर हुए जहाजों से चोरी की घटनाएं भी सामने आई हैं. इसके अलावा बंगाल की खाड़ी में बांग्लादेश के चिटगांव पोर्ट पर भी चोरी की घटनाएं सामने आई हैं.


सोमालिया, यमन और अदन की खाड़ी भी संवदेनशील क्षेत्र माने गए


आईएफसी-आईओआर की पिछले साल की सालाना रिपोर्ट यानि 2021 की बात करें तो हिंद महासागर और आसपास के क्षेत्रों में पायरेसी, लूटपाट, हाईजैक और अपहरण की कुल 168 घटनाएं सामने आई थीं. हालांकि वर्ष 2020 के मुकाबले इन घटनाओं में 37 प्रतिशत की गिरावट देखने को आई थी लेकिन उस दौरान भी गुयना की खाड़ी जहां पायरेसी के लिए ग्लोबल हॉट-स्पॉट के तौर पर उभरा था. वहीं मलक्का और सिंगापुर स्ट्रेट में भी हथियारों के बल पर लूटपाट की घटनाएं सामने आई थीं. सोमालिया, यमन और अदन की खाड़ी भी संवदेनशील क्षेत्र माने गए थे.


गुरूग्रम में है भारतीय नौसेना के इंफोर्मेशन फ्यूज़न सेंटर


दरअसल, राजधानी दिल्ली के करीब गुरूग्रम में भारतीय नौसेना के इंफोर्मेशन फ्यूज़न सेंटर में सैटेलाइट्स और रडार्स के जरिए पूरे हिंद महासागर क्षेत्र की निगरानी रखी जाती है. इसके अलावा एमएसआईएस यानि मर्चेंट शिप इंफोर्मेशन सिस्टम के जरिए सभी मालवाहक और कार्गो शिप पर भी नजर रखी जाती है. अमेरिका, फ्रांस, जापान, इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया जैसे बड़े देशों के लाइज़न-ऑफिसर (संपर्क-अधिकारी) भारतीय नौसेना के इस फ्यूज़न सेंटर में तैनात रहते हैं. बहुत जल्द दक्षिण एशिया के कई देशों के लाइज़न-ऑफिसर भी यहां तैनात किए जा सकते हैं. 


भारत हिंद महासागर क्षेत्र का नेट-सिक्योरिटी प्रोवाइडर है


आपको बता दें कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र का नेट-सिक्योरिटी प्रोवाइडर है. ऐसे में भारतीय नौसेना अपनी युद्धपोतों की तैनाती अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और अंडमान निकोबार के करीब मलक्का-स्ट्रेट में तैनात करती है ताकि पायरेसी और समुद्री-लूटपाट की घटनाओं को रोका जा सके. इसके अलावा अमेरिका और चीन जैसे बड़े देशों के युद्धपोत भी इन संवदेनशील इलाकों की निगरानी करते हैं.