Mahathir Mohamad: ‘भारत कश्मीर में वही कर रहा जो इजरायल गाजा में’, मलेशिया के पूर्व PM महातिर मोहम्मद ने उगला जहर
Mahathir Mohamad On India: मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद प्रो पाकिस्तानी हैं और भारत के खिलाफ लगातार जहर उगलते रहे हैं. उन्होंने कश्मीर की तुलना गाजा से की है.
Mahathir Mohamad On Kashmir: भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने एक बार फिर कश्मीर को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है. उन्होंने इजरायल और हमास के हमले के बाद गाजा में हो रही इजरायली सैन्य बलों की जवाबी कार्रवाई की तुलना कश्मीर में भारत की गतिविधियों से की हैं.
शुक्रवार (27 अक्टूबर) को कश्मीर के भारत में विलय दिवस के दिन जब एक तरफ पाकिस्तान काला दिवस मना रहा था तब महातिर मोहम्मद ने एक वीडियो जारी कर कहा कि जिस तरह से इजरायल गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी नागरिकों पर जुल्म ढा रहा है, उसी तरह भारत भी कश्मीर में करता रहा है. यह वही महातिर मोहम्मद हैं जिन्होंने भारत के भगोड़े जाकिर नाईक को मलेशिया में न केवल शरण दी थी बल्कि उसे पूरा संरक्षण भी दिया था.
क्या कहा महातिर मोहम्मद ने?
शुक्रवार को पाकिस्तानी उच्चायोग ने महातिर मोहम्मद के वीडियो को एक्स (पहले ट्वीटर) पर डाला है. इसमें भारत के खिलाफ जहर उगलने के साथ ही उन्होंने इजरायल का समर्थन करने वालों के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाया है. मोहम्मद ने कहा कि, 'क्रूर सरकारें भेदभावकारी नीतियां, नरसंहार वाली नीतियों का दशकों से पालन कर रही हैं. पूर्व औपनिवेशिक ताकतें अब नये कब्जा करने वाले देशों को समर्थन दे रही हैं, जिससे नरसंहार हो रहा है." पश्चिमी देशों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी क्रूर सरकारें लोकतंत्र के समर्थन की बात करती हैं जो कोरा है."
इजरायल पर भी बरसे
अपने वीडियो के जरिए महातिर ने इजरायल के खिलाफ भी भड़ास निकाली है. उन्होंने कहा कि इजरायल ने गाजा में सभी मूलभूत सप्लाई को रोक दिया है क्योंकि उसका इरादा फिलिस्तीन के लोगों के अस्तित्व को ही खत्म करना है. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि भारत भी कश्मीर में इजरायल वाली चाल चल रहा है.
आपको बता दें कि मातिर मोहम्मद की पहचान चरमपंथी इस्लामी गुटों के समर्थक तौर पर रही है. वह पाकिस्तान के भी मजबूत मददगार रहे हैं. महातिर मोहम्मद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ तुर्की को मिलाकर एक नया इस्लामिक गठबंधन बनाना चाहते थे. सऊदी अरब के दबाव के बाद पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा था.