Maldives Election: भारत विरोधी मुइज्जू की अग्निपरीक्षा आज, जानिए मालदीव के चुनाव पर क्यों है इंडिया की नजर?
Maldives: मोहम्मद मुइज्जू 2023 में इब्राहिम सोलिह को हराकर मालदीव के राष्ट्रपति बने थे. मुइज्जू ने पद संभालने के बाद भारत विरोधी कई फैसले लिए. उन्होंने भारतीय सैनिकों को वापस भेजने का फैसला किया.
Maldives Election Latest Update: भारत में लोकसभा चुनाव 2024 की गहमागहमी चल रही है. पहले चरण की वोटिंग के बाद अब लोगों को बाकी के 6 फेज के मतदान का इंतजार है. इन सबके बीच अपने चुनावों से अलग भारत की नजर पड़ोसी मुल्क मालदीव में आज (21 अप्रैल 2024) हो रहे संसदीय चुनाव पर भी टिकी है.
मालदीव के 20वें संसदीय चुनाव के नतीजे 28 अप्रैल को घोषित किए जा सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि प्रारंभिक नतीजे कल (22 अप्रैल 2024) आधी रात तक घोषित हो सकते हैं. कुल 93 सीटों वाले मालदीव संसद में अभी मुइज्जू की सरकार है.
भारत चाहेगा एमडीपी को मिले जीत
इस चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की शत्रुतापूर्ण भारत नीति, विशेष रूप से हिंद महासागर द्वीपसमूह से भारतीय सैन्य कर्मियों को बाहर निकालने के फैसले का भी इम्तिहान होगा. भारत उम्मीद करेगा कि इस चुनाव में मुख्य विपक्षी दल और भारत समर्थक पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) को बहुमत मिले.
भारत के लिए इसलिए है महत्वपूर्ण
इस चुनाव को देखें तो यह भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. दरअसल, मोहम्मद मुइज्जू सितंबर 2023 में इब्राहिम सोलिह को हराकर राष्ट्रपति बने थे. भारत विरोधी मुइज्जू ने पद संभालने के बाद वर्षों से चली आ रही परंपरा को तोड़ते हुए पहली यात्रा के लिए भारत की जगह चीन को चुना. यही नहीं, उन्होंने पिछले चुनाव में अपना पूरा प्रचार इंडिया आउट के नाम पर चलाया था. राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने मालदीव से भारतीय सैनिकों को बाहर करने का फैसला किया. उसने चीन से अपनी नजदीकी भी बढ़ाई. अगर मुइज्जू जीतते हैं तो एक बार फिर भारत और मालदीव के संबंध खराब होंगे.
इस महीने ही चीन को दिए हैं कई बड़े ठेके
अपने सुंदर समुद्र तटों और अच्छे रिसॉर्ट्स के लिए दक्षिण एशिया में सबसे महंगे और बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस में शामिल मालदीव के साथ तीन महीने पहले भारत के संबंधों में और कड़वाहट आई थी. इस महीने मुइज्जू ने चीन के स्वामित्व वाली कंपनियों को हाई-प्रोफाइल ठेके दिए हैं.
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