मालदीव और भारत के रिश्ते लगातार बिगड़ने की ओर बढ़ रहे हैं. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू लगातार मालदीव से भारतीय सेना को हटाए जाने की बात कह रहे हैं. इस बीच मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि मालदीव सरकार ने औपचारिक रूप से भारत से मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने का अनुरोध किया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेस रिलीज में कहा गया है कि राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू ने शनिवार (18 नवंबर) को राष्ट्रपति कार्यालय में भारत सरकार के मंत्री किरेन रिजिजू से मुलाकात के दौरान औपचारिक रूप से ये अनुरोध किया.
भारतीय सेना की उपस्थिति खत्म करना चाहते थे मुइज्जू
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू मालदीव के नए राष्ट्रपति के एक कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे थे. गौरतलब है कि निर्वाचित होने से पहले मुइज्जू ने कहा था कि मालदीव से भारतीय सेना की उपस्थिति को जल्द से जल्द खत्म करना उनकी पहली प्राथमिकता है.
चीनी समर्थक हैं चीन मुइज्जू
मुइज्जू ने शुक्रवार (17 नवंबर) को शपथ लेने के बाद फिर से इस बात को दोहराया और कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं कि मालदीव अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए देश में कोई भी विदेशी सैन्य मौजूद न रहे. चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू मालदीव के आठवें राष्ट्रपति हैं.
मालदीव के साथ सहयोग और साझेदारी रखने के लिए तत्पर है भारत
इससे पहले भारत के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में भारत-मालदीव सहयोग पर टिप्पणी की और कहा कि भारत मालदीव के साथ सहयोग और साझेदारी जारी रखने के लिए तत्पर है. विदेश मंत्रालय ने कहा थाहमने लोगों के कल्याण, मानवीय सहायता, आपदा राहत और अवैध समुद्री गतिविधियों से निपटने जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
पिछले पांच साल में हमारे सैनय कर्मियों ने मालदीव के 523 लोगों की जान बचाई गई है. इतना ही नहीं पिछले पांच साल के दौरा भारत नें मालदीव की समुद्री सुरक्षा के लिए 450 से अधिक बहुआयामी मिशन चलाए. इनमें से 122 मिशन पिछले साल किए गए.
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