(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मालदीव ने पाकिस्तान की साजिशों को किया बेनकाब, कहा- भारत पर इस्लामोफोबिया के आरोप गलत
OIC की वर्चुअल मीटिंग में पाकिस्तान ने भारत को अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की. लेकिन मालदीव ने भारत के खिलाफ किसी कार्रवाई का समर्थन करने से इनकार कर दिया.
पाकिस्तान ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आगे भारत को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की. लेकिन मालदीव ने दो टूक जवाब देकर भारत का समर्थन किया और पाकिस्तान को झटका दिया है. ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) की वर्चुअल मीटिंग में पाकिस्तान ने भारत में इस्लामोफोबिया फैलाने का आरोप लगाया. इस पर मालदीव ने कहा कि वो भारत के खिलाफ किसी एक्शन का समर्थन नहीं करेगा. इसके बाद भारतीय राजदूत ने सेक्युलर सोच और विविधता वाले भारतीय समाज के समर्थन के लिए मालदीव का धन्यवाद किया.
'भारत के खिलाफ किसी का एक्शन का समर्थन नहीं' ओआईसी की बैठक में मालदीव की स्थायी प्रतिनिधि थिल्मिजा हुसैन ने कहा, भारत बहुसांस्कृतिक समाज में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. यहां 20 करोड़ से ज्यादा मुसलमान रहते हैं. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा फैलाई गई बातें भारत के 130 करोड़ लोगों की राय नहीं समझी जा सकती. ऐसे में भारत पर इस्लामोफोबिया का आरोप लगाना गलत है. ये तथ्यात्मक रूप से भी गलत है.
57 सदस्यीय समूह की ओआईसी की बैठक में हुसैन ने कहा, मालदीव ओआईसी में ऐसे किसी एक्शन का समर्थन नहीं करेगा, जिसमें भारत को निशाना बनाया जाएगा.
मालदीव ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत ने सऊदी अरब, यूएई, अफगानिस्तान, फिलिस्तीन और मॉरीशस जैसे कुछ सबसे बड़े ओआईसी सदस्यों के साथ मजबूत एलायंस बनाया है. हुसैन ने कहा कि भारतीय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है.
'राजनीतिक और वैचारिक मंशा के लिए हिंसा का सहारा' ओआईसी की बैठक में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने पहले कहा था, भारत में इस्लामोफोबिया को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके बाद मालदीव ने अपने आधिकारिक बयान में दुनिया में बढ़ती नफरत की आलोचना की और भारत पर लगे इस्लामोफोबिया के आरोप को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया.
मालदीव की स्थायी प्रतिनिधि थिल्मिजा हुसैन ने अपने बयान में कहा, "दुनिया में नफरत की संस्कृति बढ़ती जा रही है. मालदीव दुनिया में कहीं भी इस तरह की कार्रवाइ के खिलाफ मजबूती से खड़ा है, जिसमें इस्लामोफोबिया, जेनोफोबिया या हिंसा के किसी भी रूप में राजनीतिक या किसी अन्य एजेंडे को बढ़ावा देना शामिल है. लेकिन किसी विशिष्ट देश पर आरोप लगाना वास्तविक मुद्दे को दरकिनार करने जैसा होगा."
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