पीएम मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी करने पर मालदीव के नेताओं की चौरतरफा निंदा, तीन मंत्री निलंबित | बड़ी बातें
Maldivian Leaders Remarks Row: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी करना मालदीव के कुछ मंत्रियों को महंगा पड़ गया. रविवार (7 जनवरी) को तीन मंत्रियों को पद से निलंबित होना पड़ा.
Maldivian Leaders Remarks On PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल में की गई लक्षद्वीप की यात्रा को लेकर मालदीव के कुछ मंत्रियों और नेताओं ने अपमानजनक टिप्पणियां कीं, जिसके बाद विवाद गहरा गया. पीएम मोदी 2-3 जनवरी को कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए लक्षद्वीप में थे. पीएम मोदी ने अपनी लक्षद्वीप यात्रा के दौरान लिए गए अनुभव की कुछ तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किए थे. उन्होंने भारतीय पर्यटकों से लक्षद्वीप को भी घूमने वाली सूची में भी रखने का आग्रह किया था.
इस पर मालदीव के तीन उप मंत्रियों ने पीएम मोदी को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां करते हुए आरोप लगाया कि भारत सरकार लक्षद्वीप को मालदीव के वैकल्पिक पर्यटन स्थल के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रही है.
मालदीव के किन मंत्रियों ने की थीं पीएम मोदी को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां?
मालदीव के युवा मंत्रालय में उप मंत्रियों मरियम शिउना, मालशा शरीफ और अब्दुल्ला महजूम माजिद ने पीएम मोदी को लेकर अभद्र टिप्पणियां की, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर कई बड़ी हस्तियों समेत भारतीयों ने गुस्सा जताया. सोशल मीडिया पर मालदीव का बहिष्कार का करने का आह्वान किया जाने लगा.
भारत में कई मशहूर हस्तियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लोगों से मालदीव जाने के बजाय घरेलू पर्यटन स्थलों की यात्रा करने का आग्रह किया. सोशल मीडिया पर ऐसे दावे भी किए गए कि कुछ भारतीय मालदीव की अपनी यात्रा रद्द कर रहे हैं.
अपमानजनक टिप्पणियां करने वाले मालदीव के मंत्री किए गए निलंबित
रविवार (7 जनवरी) को माले में भारतीय उच्चायोग ने यह मुद्दा मालदीव सरकार के सामने उठाया और कड़ी आपत्ति दर्ज कराई. इसके बाद तीन मालदीव के उपमंत्रियों को निलंबित किए जाने की खबर आई.
स्थानीय मीडिया एटोल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव सरकार ने पीएम मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले तीन उप मंत्रियों- मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महजूम माजिद को उनके पद से निलंबित कर दिया.
वहीं, मालदीव के एक और उप मंत्री हसन जिहान ने स्थानीय मीडिया की एक पोस्ट हवाला देते हुए अन्य मंत्रियों के साथ उन्हें कैबिनेट से निलंबित करने की रिपोर्ट का खंडन किया और इसे फर्जी खबर करार दिया.
पीएम मोदी के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल
मरियम शिउना ने पीएम मोदी के लिए 'क्लोन' और 'पपेट' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था और बाद में विवाद बढ़ने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी पोस्ट डिलीट कर दी. मालदीव के एक नेता जाहिद रमीज ने अपनी पोस्ट में पूछा था कि क्या मालदीव से बेहतर सेवाएं दे सकता है भारत?
मालदीव सरकार ने मंत्रियों की टिप्पणियों को बताया था निजी
इससे पहले एक बयान में मालद्वीप सरकार ने कहा था कि वह ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगी. मालदीव सरकार ने मंत्रियों की टिप्पणियों से खुद को अलग करते हुए इसे उन नेताओं के निजी विचार करार दिया था और कहा था कि उनके निजी विचार सरकार का आधिकारिक रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.
मालदीव सरकार की मंत्रियों को हिदायत
मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणियों का यह विवाद ऐसे दिन शुरू हुआ जब राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू एक हफ्ते के लिए चीन के दौरे पर रवाना हुए हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मालदीव की सरकार विदेशी नेताओं और उच्च पदस्थ लोगों के खिलाफ सोशल मीडिया मंचों पर की गई अपमानजनक टिप्पणियों से अवगत है. ये विचार व्यक्तिगत हैं और मालदीव की सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.’’
विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, मालदीव सरकार का मानना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल लोकतांत्रिक और जिम्मेदाराना तरीके से किया जाना चाहिए, इनसे नफरत और नकारात्मकता नहीं फैलनी चाहिए और मालदीव और उसके अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के बीच घनिष्ठ संबंधों में बाधा नहीं आनी चाहिए. उसने चेतावनी दी कि सरकार के संबंधित अधिकारी ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई संकोच नहीं करेंगे.
पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने की निंदा
पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने X पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं सोशल मीडिया पर मालदीव सरकार के अधिकारियों की ओर से भारत के खिलाफ घृणास्पद भाषा के इस्तेमाल की निंदा करता हूं. भारत हमेशा मालदीव का एक अच्छा दोस्त रहा है और हमें इस तरह की अपमानजनक टिप्पणियों के जरिये हमारे दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी दोस्ती पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालने देना चाहिए.’’
यह किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं- पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब
मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब ने कहा, ''यह बेहत दुखद घटना है जो नहीं होनी चाहिए थी. जब आप एक चुने हुए पद पर होते हैं तो आपको एक एक्टिविस्ट के रूप में शामिल नहीं होना चाहिए. ऐसे में किसी को ज्यादा जिम्मेदार होना होता है और साथ ही वैश्विक नेता प्रधानमंत्री मोदी के प्रति इस तरह की अपमानजनक टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं हैं. हम अपने पर्यटन को सहिष्णुता, सद्भाव, मित्रता और आतिथ्य के आधार पर बनाते हैं. यह किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है...''
मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ये बोले
मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने X पर एक पोस्ट में लिखा, ''वर्तमान मालदीव सरकार के दो उपमंत्रियों और सत्तारूढ़ गठबंधन में एक राजनीतिक दल के सदस्य की ओर से सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के लोगों के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणी निंदनीय और घृणित है. मैं सरकार से इन अधिकारियों को फटकार लगाने का आह्वान करता हूं. सार्वजनिक हस्तियों को मर्यादा बनाए रखनी चाहिए. भारत एक समय पर काम आने वाला मित्र और एक अटूट सहयोगी है. वह ऐतिहासिक रूप से हमारी जरूरत के समय प्रतिक्रिया देने वाला देश रहा है. हमारा करीबी रिश्ता आपसी सम्मान, इतिहास, संस्कृति और लोगों के बीच मजबूत संबंधों से जुड़ा है..."
पूर्व खेल मंत्री अहमद महलूफ ने कहा, ‘‘भारतीयों की ओर से मालदीव का बहिष्कार किए जाने से हमारी अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है... हम भारत और भारतीयों को प्रेम करते हैं, उनका हमेशा मालदीव में स्वागत है.’’
मालदीव की सांसद बोलीं- मुइज्जू सरकार भारतीयों से मांगे माफी
मालदीव की एक सांसद और पूर्व डिप्टी स्पीकर ईवा अब्दुल्ला ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मंत्रियों की ओर से की गई अपमानजनक टिप्पणियों की निंद की, साथ ही कहा, ''मुझे पता है कि सरकार ने मंत्रियों को निलंबित कर दिया है लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि मालदीव सरकार भारतीयों से औपचारिक माफी मांगे.''
कोई फर्क नहीं पड़ता- केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने पीएम मोदी पर मालदीव के मंत्रियों की ओर से की गई अपमानजनक टिप्पणियों के विवाद पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''मैं तो प्रधानमंत्री जी की विजिट को देख रही हूं और मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री जी ने जो लक्षद्वीप की यात्रा की, उससे देश-दुनिया, सबको परिचित कराया कि भारत में कितने सुंदर स्थल हैं...'' उन्होंने कहा, ''मालदीव है तो लक्षद्वीप भी है, बहुत नजदीक है, अंडमान भी है और हिमालय की ऊंचाई भी है, हिमाचल प्रदेश से लेकर लेह-लद्दाख भी है, तो भारत में तो विशाल हृदय वाला भी है और विशाल सोच वाला स्थान भी है. भारत को समझने के लिए एक विशाल दृष्टिकोण की भी आवश्यकता है.''
मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणियों पर गहराए विवाद को लेकर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने आगे कहा, ''कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं उन जैसी चीजों पर ध्यान नहीं देती, सिर्फ एक ही बात पर ध्यान देना है कि भारत की गौरवान्वित इतिहास पर गौरव भी करना है और भारत को एक आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जो भी कदम उठाने हैं, भारत वो उठाएगा.''
कैसे हैं भारत और मालदीव के रिश्ते?
बता दें कि हिंद महासागर क्षेत्र में मालदीव भारत का एक प्रमुख समुद्री पड़ोसी है. मालदीव की पिछली सरकार के दौरान उसके भारत के साथ डिफेंस सेक्टर समेत समग्र द्विपक्षीय संबंधों में बेहतरी होती देखी गई लेकिन नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार बनने के बाद दोनों के देशों की बीच संबंध उतने सहज नहीं माने जा रहे हैं.
इसका एक कारण यह भी है कि मोहम्मद मुइज्जू को चीन का करीबी माना जाता है. करीब एक महीने पहले पदभार संभालने के बाद राष्ट्रपति मुइज्जू ने मालदीव से भारत के सैनिकों की वापसी का आह्वान भी किया था.
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