मुंबई: मालेगांव में 2008 में हुए बम धमाकों के मामले में आरोपी भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर शनिवार को यहां एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश नहीं हुईं. यह एक महीने में दूसरा मौका है, जब प्रज्ञा अदालत में तारीख पर पेश नहीं हुईं. ठाकुर के वकील ने कहा कि उन्हें शुक्रवार को दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसकी वजह से वह अदालत नहीं पहुंच सकीं.
अदालत ने नाखुशी जाहिर की
अदालत में पांच आरोपी मौजूद थे. न्यायाधीश पी आर शित्रे ने दो अन्य आरोपियों की गैर मौजूदगी पर नाखुशी जाहिर की. अदालत ने इसके बाद सभी सातों आरोपियों को चार जनवरी को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया.
प्रज्ञा ठाकुर को भर्ती होना पड़ा
सांसद की तरफ से पेश वकील जेपी मिश्रा ने कहा कि, ''दिल्ली के एम्स में ठाकुर का अप्रैल से ही इलाज चल रहा है. वो वहां जांच के लिए गईं थीं और उनकी चिकित्सा जांच रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टरों के निर्देश पर शुक्रवार को उन्हें भर्ती होना पड़ा.'' ठाकुर के अलावा एक अन्य आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी भी व्यक्तिगत कारणों का हवाला देकर अदालत में पेश नहीं हुआ.
अदालत में नियमित कामकाज शुरू
कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के बाद पिछले महीने से अदालत में नियमित कामकाज शुरू हो गया है और अदालत ने मामले के सातों आरोपियों को तीन दिसंबर को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था. हालांकि, ठाकुर समेत अधिकतर आरोपी महामारी की स्थिति का हवाला देते हुए तब अदालत में पेश नहीं हुए थे. इसके बाद अदालत ने उनसे 19 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा था.
अदालत के समक्ष पेश हुए ये आरोपी
निर्देश के मुताबिक, पांच अन्य आरोपी- लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय रहिकर और सुधाकर द्विवेदी- शनिवार को अदालत के समक्ष पेश हुए थे.
6 लोगों की हुई थी मौत
उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के पास 29 सितंबर 2008 को एक मोटरसाइकिल में बांध कर रखे गए बम में धमाके से कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
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