Malegaon blast case: मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में लगातार कोर्ट में सुनवाई जारी है, लेकिन पिछले कुछ समय से इस केस से जुड़े तमाम गवाह लगातार पलटते जा रहे हैं. यानी गवाह या तो अपने बयान से मुकर रहे हैं या फिर आरोपी की पहचान करने से इनकार कर देते हैं. अब इस मामले में 19वां गवाह भी अपने बयान से पलट गया है. कोर्ट में जब गवाह नंबर 243 को पेश किया गया तो उसने आरोपियों को पहचानने से इनकार कर दिया.
आरोपियों को पहचानने से किया इनकार
2008 मालेगांव बम धमाके को लेकर कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कोर्ट में इन सभी आरोपियों को लेकर सुनवाई चल रही है. जिसमें अलग-अलग आरोपी की पहचान के लिए गवाह पेश किए जाते हैं. गुरुवार 24 मार्च को कोर्ट में पेश हुए गवाह ने भगवान की सौगंध खाकर, केवल वहां मौजूद आरोपी सस्पेंड हुए कर्नल पुरोहित को पहचाना. उसने कहा कि, मैं बाकी किसी भी आरोपी को नहीं जानता हूं और ना ही कभी उनसे मिला हूं. गवाह ने अपने पुराने बयान को लेकर कहा कि मुझे उसे लेकर भी कुछ याद नहीं है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि मालेगांव बम धमाके की जांच एनआईए कर रही है. साथ ही एनआईए कोर्ट में ही इसे लेकर सुनवाई चल रही है. जिसमें लगातार गवाह अपने बयानों से मुकरते जा रहे हैं. दरअसल ये मामला 29 सितंबर 2008 का है. जब मालेगांव में अचानक एक बम धमाका हुआ था. जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे. ये विस्फोटक एक मोटरसाइकिल में रखा गया था. इसे लेकर 30 सितंबर 2008 को मालेगांव के आजाद नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ था. पहले मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस ने की, लेकिन 2011 में मामला एनआईए को सौंप दिया गया. इस मामले में बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी आरोपी हैं.
हालांकि प्रज्ञा ठाकुर समेत कुछ लोगों को इस मामले में जमानत मिल गई थी, जिसके बाद से ही वो जेल से बाहर हैं. साथ ही मकोका, यूएपीए और आर्म्स एक्ट की कई गंभीर धाराएं भी हटा दी गई थीं. इस पूरे मामले में करीब 200 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे. जिन्हें अलग-अलग वक्त में कोर्ट में पेश किया जाता है. लेकिन अब तक 19 गवाह अपने बयानों से पलट चुके हैं.
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