नई दिल्ली: साल 2008 मालेगांव धमाके के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को जमानत मिल गई. देश की सबसे बड़ी अदालत ने पुरोहित को जमानत दे दी. मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अब उन्हें सेना की किसी यूनिट में 'अटैच' किया जाएगा. लेकिन सेना मुख्यालय के सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि कर्नल पुरोहित के निलंबन पर फैसला बेल-ऑर्डर की समीक्षा के बाद ही लिया जाएगा.
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इंटेलीजेंस ऑफिसर के तौर पर हुई थी पुरोहित की पोस्टिंग
सेना के सूत्रों के मुताबिक, डिफेंस सर्विस रूल्स सेक्शन 349 के मुताबिक, सेना के किसी अधिकारी या जवान को पुलिस की ओर से किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है तो उसका निलंबन कर दिया जाता है. यही वजह है कि नौ साल पहले जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था तो उन्हें इसी धारा के तहत सस्पेंड कर दिया गया था. उस वक्त कर्नल पुरोहित सेना की दक्षिणी कमान की इन्ट कोर यानि खुफिसा विंग में तैनात थे. उनकी पोस्टिंग पचमंढ़ी में एक इंटेलीजेंस ऑफिसर के तौर पर की गई थी.
अब क्योंकि कर्नल पुरोहित को जमानत मिल गई है तो उन्हें या तो दक्षिणी कमान की ही किसी यूनिट में तैनात किया जाएगा. लेकिन जब तक उनका निलंबन रद्द नहीं हो जाता, वे सेना के सर्विस रूल सेक्शन 394 के तहत 'ओपन अरेस्ट' में रहेंगे. निलंबन हटाने का फैसला कर्नल पुरोहित के सब-एरिया कमांडर की अनुशंसा पर सेना मुख्यालय स्थित एजी ब्रांच यानि एडजुटेंट-जनरल ब्रांच को करना है.
क्या है पूरा मामला
29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी. शुरू में महाराष्ट्र एटीएस ने मामले की जांच की. एटीएस ने अभिनव भारत नाम के संगठन पर घटना का आरोप लगाया. साध्वी प्रज्ञा और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित समेत कई लोगों को एटीएस ने आरोपी बनाया था. साल 2011 में NIA को जांच सौंप दी गई.