नई दिल्ली: मालेगांव धमाके में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और कर्नल श्रीकांत पुरोहित की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. एनआईए कोर्ट ने आज कहा कि इन दोनों के ऊपर से मकोका और आर्म्स एक्ट की धाराएं हटा ली हैं लेकिन केस अभी चलता रहेगा.


एनआईए कोर्ट के फैसले के मुताबिक प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल पुरोहित, रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय रहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी, सुधाकर द्विवेदी के खिलाफ मकोका यूएपीए की धाराएं 17, 29, 23 और आर्म्स एक्ट की धराए हटा ली गईं हैं. लेकिन यूएपीए की धारा 18 और दूसरी कई धाराओं के तहत आरोप तय किए गए है.


इसके साथ ही एनआईए कोर्ट ने श्याम साहू, शिवनारायण कालसांगरा, प्रवीण तक्कलकी का मामला खारिज कर दिया. कोर्ट ने इन सभी को आरोपों से बरी कर दिया गया. इसके अलावा राकेश धावड़े और जगदीश म्हात्रे के ऊपर से भी कई धराएं हटा ली गई हैं, सिर्फ आर्म्स एक्ट के तहत दोनों पर संबधित अदालत में मामला चलेगा.


गौरतलब है कि NIA ने अपनी चार्जशीट में साध्वी सहित 6 को क्लीन चिट दिया गया था और इसी आधार पर साध्वी को जमानत मिली थी. जमानत मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को मीडिया और कांग्रेस का षडयंत्र बताया था.


क्या है मामला ?
सितंबर 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में दो धमाके हुए थे. इन धामकों में सात लोग मारे गए थे जबकि 79 लोग घायल हुए थे. इसी मामले में अक्टूबर 2008 में साध्वी प्रज्ञा को गिरफ्तार किया था.


बॉम्बे हाईकोर्ट से साध्वी प्रज्ञा को पांच लाख के निजी मुचलके पर जमानत मिली है. पिछले साल एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट दे दी थी लेकिन ट्रायल कोर्ट ने जमानत खारिज कर दी थी. इसके बाद साध्वी प्रज्ञा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की थी. जहां से उन्हें जमानत मिल गई थी.


9 साल से जेल में बंद पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल पुरोहित को जमानत दे दी थी. पुरोहित के वकील ने कोर्ट में डिस्चार्ज एप्लीकेशन किया था. जिसपर मुम्बई में एनआईए कोर्ट में सुनवाई चल रही थी.


पुरोहित को जमानत देने के लिए कोर्ट ने उन पर कुछ शर्तें लगाई गई है. इनमें देश से बाहर जाने पर रोक भी शामिल है. इसके अलावा उन्हें सख्त ताकीद की गई है कि वो किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे.