Congress Meeting: कांग्रेस आलाकमान ने सोमवार (29 मई) को कई राज्यों के मसलों को लेकर सिलसिलेवार बैठकें कीं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने इस साल के आखिर में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की तो वहीं राजस्थान में विवाद सुलझाने का प्रयास भी किया गया. इसके अलावा दिल्ली में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को समर्थन देने को लेकर भी चर्चा की गई. 


1. सोमवार को सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर वरिष्ठ नेताओं के साथ दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में बैठक की. इस बैठक में राहुल गांधी, पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, दिग्विजय सिंह, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ सहित कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया. इसमें संगठन और चुनाव तैयारियों को लेकर चर्चा की गई.


2. इस मीटिंग के बाद राहुल गांधी ने कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी पार्टी कर्नाटक का प्रदर्शन दोहराने जा रही है और हमारा आंतरिक आंकलन है कि हमें एमपी में 150 मिलने जा रही हैं. अभी हमारी लंबी चर्चा हुई है. मध्य प्रदेश में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होना है.


3. मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और राज्य पार्टी प्रमुख कमलनाथ ने कहा कि बेहद महत्वपूर्ण बैठक हुई, चुनाव में कैसी रणनीति बनाई जाए, मध्य प्रदेश का भविष्य कैसे सुरक्षित रखा जाए इस पर चर्चा हुई. जो राहुल गांधी (एमपी में कांग्रेस को 150 सीटें मिलने के बयान) ने कहा है हम सभी उनकी बात से सहमत हैं. कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि हम मध्य प्रदेश भी जीतने जा रहे हैं. आज हमारे पास अधिक से अधिक सीटों के साथ मध्य प्रदेश को जिताने का संयुक्त नारा है. 


4. बीजेपी की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर तंज कसा गया. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मन बहलाने को गालिब ये ख्याल अच्छा है, ख्याली पुलाव पकाते रहिये. बीजेपी राज्य में 200 से अधिक सीटें जीतेगी. बीजेपी ने 'अबकी बार, 200 पार' का नारा भी दिया है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. बीजेपी की सोमवार को भोपाल में अहम बैठक हुई. इस बैठक में तीन केंद्रीय मंत्री- ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, भूपेन्द्र यादव भी मौजदू रहे. 


5. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के निवास पर राजस्थान के मसले को लेकर भी बैठक हुई. इस बैठक में राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट और अन्य नेता मौजूद रहे. इस बैठक से पहले अशोक गहलोत ने उनके और सचिन पायलट को लेकर चल रही 'फॉर्मुले' वाली खबरों पर कहा कि कोई भी नेता कोई चीज मांगे या आलाकमान पूछे कि आप कौन सा पद लेंगे, ऐसा रिवाज मैंने नहीं देखा है और ऐसा कभी होता नहीं है. 


6. इस बैठक में अशोक गहलोत और सचिन पायलट में सुलह हो गई. मीटिंग के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि दोनों (अशोक गहलोत और सचिन पायलट) नेता बीजेपी के खिलाफ चुनाव में साथ लड़ेंगे. दोनों ही नेता एकजुट हैं. गहलोत और पायलट ने फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया है.


7. हाल ही में जन संघर्ष यात्रा निकालने वाले सचिन पायलट ने मई के अंत तक उनकी मांगें नहीं मानने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है. उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गहलोत सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने तीन मांगें रखी थीं जिनमें राजस्थान लोक सेवा आयोग भंग करना और इसका पुनर्गठन, सरकारी परीक्षा के पेपर लीक होने से प्रभावित युवाओं को मुआवजा और पिछली वसुंधरा राजे की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्च स्तरीय जांच कराना शामिल है.


8. मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब इकाई के नेताओं से भी मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार, इनमें से ज्यादातर ने दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के साथ नहीं खड़े होने की पैरवी की. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं ने खरगे से अलग-अलग मुलाकात की.


9. सूत्रों का कहना है कि मल्लिकार्जुन खरगे आने वाले दिनों में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को मिलने का वक्त देंगे. कांग्रेस अध्यादेश पर आम आदमी पार्टी को समर्थन भी दे सकती है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक आप से दिल्ली में गठबंधन का विकल्प भी खुला हुआ है. वरिष्ठ नेता अजय माकन ने केजरीवाल का समर्थन न करने की सलाह दी, जबकि अरविंदर सिंह लवली ने इसके उलट राय दी. अब फैसला आलाकमान को करना है.   


10. पंजाब के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने बैठक के बाद 2024 में आम आदमी पार्टी से गठबंधन के सवाल पर कहा कि अगर वैचारिक मतभेद हैं तो गठबंधन नहीं बन सकता. मेरी लड़ाई सत्य के पक्ष की है. मैं नैतिक मूल्यों को लेकर समझौता नहीं करता. आज नैतिक मूल्य निचले स्तर पर चले गए हैं क्योंकि लोकतांत्रिक मूल्यों का पतन हो गया है. बैठक में क्या हुआ वह गोपनीय है उस पर कांग्रेस अध्यक्ष या राहुल गांधी बात करेंगे.


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