China Controversy: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बार फिर चीन विवाद को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. शनिवार (17 दिसंबर) को खरगे ने अखबारों की कटिंग को ट्वीट करते हुए लिखा, "डोकलाम से लेकर जमफेरी रिज (Jampheri Ridge) तक चीन अपना निर्माण करने में लगा हुआ है. यह भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर (Siliguri Corridor) को खतरे में डाल रहा है, जो पूर्वोत्तर भारत के राज्यों का प्रवेश द्वार है. यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत चिंता का विषय है!"


ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए खरगे ने पूछा, "चीन पे चर्चा कब होगी?" वहीं, इससे पहले खरगे ने सरकार से सवाल करते हुए पूछा था कि क्या संसद में चीन के खिलाफ बोला नहीं जा सकता है? क्या इसकी अनुमति नहीं है? इसके साथ ही खरगे ने ट्वीट कर सरकार पर तंज कसते हुए ये भी कहा था, ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार की लाल आंख पर चीनी चश्मा लग गया है.





 






'सरकार मूकदर्शक बनकर रह गई'


तवांग सेक्टर में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प पर खरगे ने आरोप लगाया था कि सरकार इस मामले पर केवल मूकदर्शक बनकर रह गई है. सरकार चीन को लेकर लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा, "हम लगातार चीन के मुद्दे को सदन में उठाते रहे हैं. हम चर्चा करना चाहते थे लेकिन रक्षा मंत्री ने जवाब दिया और चले गए.''


'चीनी विवाद का मुद्दा बेहद गंभीर और संवेदनशील'


13 दिसंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तवांग में चीन के 9 दिसंबर के अतिक्रमण प्रयास पर दोनों सदनों में एक बयान दिया था. राजनाथ के बयान से पहले खरगे ने चर्चा के लिए एक नोटिस पेश किया था और उन्हें नोटिस पढ़ने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, जब विपक्षी सदस्यों ने राजनाथ के बयान के बाद चर्चा की मांग की और इस तरह की चर्चा राज्यसभा में मंत्रिस्तरीय बयानों के बाद एक परंपरा है, तो उपसभापति हरिवंश हरिवंश ने मांग से इनकार करते हुए कहा कि यह मुद्दा बेहद गंभीर और संवेदनशील है.


बता दें कि तवांग सेक्टर में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सरकार से सीधे तौर पर सवाल पूछ रहे हैं. 


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