Mallikarjun Kharge On BJP: राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार (16 दिसंबर) को अपने भाषण में भाजपा पर जमकर निशाना साधा. खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि भाजपा जुमलों और झूठे वादों के जरिए देश को गुमराह कर रही है. खरगे ने शायरी के अंदाज में भी भाजपा पर अपना तीखा हमला जारी रखा.


मल्लिकार्जुन खरगे ने 15 लाख रुपये के वादे और नरेगा जैसी कांग्रेस सरकार की योजनाओं को लेकर भाजपा को घेरा, साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को अतीत पर केंद्रित बताते हुए सवाल किया कि बीते 11 सालों में भाजपा ने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए क्या- क्या ठोस कदम उठाए हैं. खरगे ने इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि बांग्लादेश की आजादी के समय एक लाख लोगों को बंदी बनाना आसान काम नहीं था, लेकिन इंदिरा गांधी ने बता दिया था कि हमारे देश के करीब आए तो खैर नहीं.


खरगे ने बताया नरेगा और लैंड रिफॉर्म की अहमियत


खरगे ने अपने भाषण में कांग्रेस सरकार की योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि नरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना) गरीबों का सहारा बना, खासकर कोविड के समय में. लैंड रिफॉर्म जैसे कदमों ने लोकतंत्र को मजबूती दी. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के भाषणों में दमदार बातें तो होती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका असर नजर नहीं आता.


शायरी के जरिए भाजपा पर निशाना


खरगे ने अपने भाषण में शायरी का सहारा लेते हुए भाजपा पर करारा हमला किया. उन्होंने कहा "तुम अपने अकीदों के नेजे हर दिल में उतारे जाते हो,हम लोग मोहब्बत वाले हैं, तुम खंजर क्यूं लहराते हो. इस शायरी के जरिए उन्होंने भाजपा पर ध्रुवीकरण और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया. 


खड़गे ने राज्यसभा में पढ़ी शायरी:-


"तुम अपने अकीदों के नेजे हर दिल में उतारे जाते हो


हम लोग मोहब्बत वाले हैं तुम खंजर क्यूं लहराते हो


इस शहर में नगमे बहने दो बस्ती में हमें भी रहने दो


हम पालनहार हैं फूलों के हम खुशबु के रखवाले हैं


तुम किस का लहू पीने आए हम प्यार सिखाने वाले हैं


इस शहर में फिर क्या देखोगे जब हर्फ यहां मर जाएगा


जब तेग पे लय कट जाएगी जब शेर सफर कर जाएगा


जब कत्ल हुआ सुर साजों का जब काल पड़ा आवाजों का


जब शहर खंडर बन जाएगा फिर किस पर संग उठाओगे


अपने चेहरे आईनों में जब देखोगे डर जाओगे"


ये संविधान से जलने वाले लोग


मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि आप समाजवाद की बात करते हैं, आप पढ़ें इसे, जो लोग झंडे से, अशोक चक्र से और संविधान से नफरत करते हैं, ये लोग हमें पाठ पढ़ा रहे हैं. जो संविधान को जलने वाले लोग हैं. 




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