Mallikarjun Kharge Talk MK Stalin: बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर मिशन मोड में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (6 अप्रैल) को हनुमान जयंती के मौके पर कार्यकर्ताओं से कहा कि लोगों ने अभी से कहना शुरू कर दिया है कि 2024 में हमें कोई नहीं हरा सकता. वहीं अब दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार (7 अप्रैल) को विपक्षी एकजुटता के लिए कवायद शुरू कर दी. 


उन्होंने इसी के मद्देनजर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और बिहार के सीएम नीतीश कुमार सहित कई नेताओं से फोन करके बात की. इससे पहले उन्होंने गुरुवार को उद्धव ठाकरे को भी कॉल किया था. इस दौरान खरगे ने तीनों नेताओं को विपक्ष को एकजुट करने के लिए मीटिंग करने की बात कही है. हालांकि यह मीटिंग कब होगी और कहां होगी? इसे लेकर अभी कुछ तय नहीं हुआ है.


नीतीश कुमार ने खरगे से बातचीत को लेकर कहा कि आज कोई बात नहीं हुई. तीन दिन पहले बात हुई थी. क्या बातें हुई है आगे बताएंगे.


उधर दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी को ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस,अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और लालू प्रसाद यादव की आरजेडी सहित लेफ्ट पार्टियों के जवाब का भी इंतजार है. 


विपक्षी एकता के लिए लगातार हो रही हैं कोशिशें


डीएमके के चीफ और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने सामाजिक न्याय को लेकर ‘ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस’ आयोजित किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि संघवाद, समानता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक साथ मिलकर कोशिश करना जरूरी है. इस कार्यक्रम में सपा, आरजेडी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई विपक्षी नेता शामिल थे.


हाल ही में राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने के बाद से कई विपक्षी दल इस मुद्दों को लेकर एकजुट हुए थे. यहां तक कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की टीएमसी भी इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ थी. केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए यह पार्टियां सरकार पर निशाना साधती आ रही हैं.


रैलियों में भी विपक्षी एकता पर हो रही बात


वहीं विपक्षी दलों को एकजुट करने को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार और तेलंगाना के सीएम केसीआर भी कोशिश कर रहे हैं. इसे लेकर सीएम नीतीश ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव सहित कई दलों के प्रमुख से मुलाकात की थी. केसीआर और स्टालिन रैली में भी विपक्षी एकता पर जोर दिया गया था.


फिलहाल पूरी तस्वीर आने वाले दिनों में ही साफ होगी, लेकिन विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश लगातार हो रही है. इस वजह से लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी पार्टियों के एक साथ आने को लेकर फिर से चर्चा होने लगी है. 


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