Congress Strategy: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार (18 मार्च) शाम राष्ट्रीय महासचिवों और प्रभारियों की बैठक बुलाई, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल होंगे. इस बैठक में कांग्रेस संगठन में जिला इकाई और जिला अध्यक्षों की भूमिका को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा होगी. सूत्रों के अनुसार इस नए मॉडल का पायलट प्रोजेक्ट गुजरात से शुरू किया जा सकता है.
फरवरी के तीसरे हफ्ते में महासचिवों और प्रभारियों की पिछली बैठक में तय हुआ था कि कांग्रेस जिला अध्यक्षों को नए सिरे से मजबूत करेगी. इस संबंध में मंगलवार (18 मार्च) की बैठक में आगे की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा सकता है. साथ ही जल्द ही दिल्ली में कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की तीन चरणों में बैठक की तैयारी की जा रही है.
जिला अध्यक्षों की भूमिका को फिर से अहम बनाने की कोशिश
साठ के दशक में कांग्रेस संगठन में जिला अध्यक्षों का पद बेहद प्रभावशाली माना जाता था, लेकिन समय के साथ बड़े नेताओं के प्रभाव में उनकी भूमिका कमजोर होती गई. अब राहुल गांधी संगठन को नए सिरे से एक्टिव करने के लिए जिला अध्यक्षों को ज्यादा अधिकार देना चाहते हैं. उनका मानना है कि इससे कांग्रेस को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी और संगठन में विकेंद्रीकरण आएगा.
गुजरात से होगी इस नए मॉडल की शुरुआत?
सूत्रों के अनुसार इस प्रयोग की शुरुआत गुजरात से हो सकती है, जहां राहुल गांधी ने हाल ही में दो दिन बिताए थे. उन्होंने खुलकर कहा था कि गुजरात कांग्रेस में आधे लोग बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं जिससे संगठन को बड़ा नुकसान हो रहा है. माना जा रहा है कि जल्द ही गुजरात कांग्रेस में बड़े फेरबदल किए जा सकते हैं, क्योंकि राज्य में ढाई साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं.
गुजरात अधिवेशन में हो सकता है बड़ा ऐलान
आठ और नौ अप्रैल को गुजरात में कांग्रेस का अधिवेशन होने जा रहा है. संभावना है कि इस अधिवेशन में पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर संगठन निर्माण से जुड़ी नई रणनीतियों की घोषणा कर सकती है. माना जा रहा है कि कांग्रेस गुजरात को अपनी नई रणनीति के लिए प्रयोगशाला बना सकती है.
सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस की रणनीति
सामाजिक समीकरण साधने के लिए राहुल गांधी संविधान बचाने और जाति जनगणना जैसे मुद्दों को लेकर मुखर हैं. कांग्रेस के रणनीतिकारों को लगता है कि संगठन में नई जान आने से पार्टी की सत्ता में वापसी की संभावना बढ़ सकती है. यही वजह है कि बड़े पदों पर बदलाव के बाद अब जिला और ब्लॉक स्तर पर भी नई रणनीति लागू करने की तैयारी की जा रही है.