राहुल गांधी के बयान के बाद कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के बीच जुबानी जंग जारी है. राहुल गांधी के बयान पर मायावती ने पलटवार किया और अब बल्लिकार्जुन खड़गे ने मायावती के बयान पर रिएक्शन दिया है. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मायावती से कहा था कि कांग्रेस के साथ आइए और BJP के खिलाफ गठबंधन का नेतृत्व करिये, लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाईं, ये ही बात कल राहुल गांधी ने दोहराई. आज जनता महंगाई से पिस रही है, नौकरियां नहीं हैं, संवैधानिक संस्थाओं पर RSS का कब्ज़ा हो रहा है.


कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से जब पूछा गया कि क्या विपक्षी गठबंधन में बसपा को शामिल करने के दरवाजे अभी भी खुले हैं, इस पर उन्होंने कहा कि अब बोलने का कोई फायदा नहीं. समय आने पर हम देखेंगे. खड़गे ने मायावती के बयान पर कहा कि, नहीं, ये सही नहीं है. कांग्रेस पार्टी हमेशा लोगों के साथ रही है, यह हमेशा संसद के अंदर और बाहर सभी मुद्दों का समाधान खोजने के लिए लड़ती रही है. उन्होंने जो कहा वह सही नहीं है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाते हुए कहा कि वे (BJP-RSS) यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि केवल एक पार्टी रह जाए. वे (भाजपा) ऐसा उन जगहों पर करते हैं जहां वे नहीं जीतते. मायावती ने बीजेपी और RSS को लेकर वही कहा जो राहुल गांधी कह रहे थे. एक साथ मजबूती के साथ लड़ने की जरूरत है.


मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती को गठबंधन की पेशकश करने के मायावती ने प्रतिक्रिया दी थी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए रविवार को मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान गठबंधन की पेशकश पर उनकी टिप्पणी पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी दलितों और बसपा के प्रति उनकी हीन भावना और द्वेष को दर्शाती है. उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस अपने तरीके से सुधार नहीं कर सकती है, लेकिन हमारे मामलों में घुसपैठ कर रही है. उन्हें हम पर टिप्पणी करने से पहले 100 बार सोचना चाहिए.


उन्होंने कहा कि कांग्रेस, BJP और आरएसएस के खिलाफ लड़ने और दूसरों पर उंगली उठाने में असमर्थ है. इसके अलावा, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भारत को न केवल 'कांग्रेस-मुक्त' बना रहे हैं, बल्कि 'विपक्ष-मुक्त' भी बना रहे हैं, जहां भारत के पास राष्ट्रीय से लेकर ग्राम स्तर तक सिर्फ एक प्रमुख पार्टी रह जाएगी. मायावती ने कहा, हम ऐसी पार्टी नहीं हैं, जहां राहुल गांधी जैसा नेता जबरन संसद में प्रधानमंत्री को गले लगाता है, हम ऐसी पार्टी नहीं हैं, जिसका दुनियाभर में मजाक उड़ाया जाता है. राहुल गांधी ने शनिवार को कहा था कि कांग्रेस ने मायावती को गठबंधन की पेशकश की थी और यहां तक ​​कि उन्हें यूपी का मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने हमसे बात नहीं की. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि मायावती ने BJP को साफ रास्ता दिया, क्योंकि वह सीबीआई, ईडी और ऐसी अन्य एजेंसियों से डरती हैं.


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