कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत न होने के सरकार के राज्यसभा में मंगलवार को दिए बयान को कांग्रेस न आड़े हाथों लिया है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के सीनियर नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम यह भलीभांति जानते हैं को ऑक्सीजन की किल्लत के चलते कई अस्पतालों ने मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया ता और कई कोरोना के मरीज की मौत हो गई.


खड़गे ने सरकार पर हमले के तेज करते हुए कहा कि अगर सरकार ऐसा कहती है तो यह ऐसी पहली सरकार है जो न सुन सकती है और न ही देख सकती है. इससे पहले स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को बताया कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है. उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.


उन्होंने यह भी बताया ‘‘बहरहाल, कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई थी. महामारी की पहली लहर के दौरान, इस जीवन रक्षक गैस की मांग 3095 मीट्रिक टन थी जो दूसरी लहर के दौरान बढ़ कर करीब 9000 मीट्रिक टन हो गई.’’


उनसे पूछा गया था कि क्या दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है. पवार ने बताया कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश कोविड के मामलों और मौत की संख्या के बारे में केंद्र को नियमित सूचना देते हैं. उन्होंने बताया ‘‘केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड से मौत की सूचना देने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं.’’


उन्होंने कहा ‘‘इसके अनुसार, सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नियमित रूप से केंद्र सरकार को कोविड के मामले और इसकी वजह से हुई मौत की संख्या के बारे में सूचना देते हैं. बहरहाल, किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन के अभाव में किसी की भी जान जाने की खबर नहीं दी है.’’


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