राहुल गांधी के बाद अब मल्लिकार्जुन खरगे का भाषण हुआ 'सेंसर', कांग्रेस अध्यक्ष ने दिया वाजपेयी का उदाहरण
Mallikarjun Kharge: राहुल गांधी के बाद अब मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण के कुछ शब्दों को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है. इस पर खरगे ने कहा है मेरे कुछ शब्दों का गलत मतलब निकाला गया है.
Mallikarjun Kharge Speech: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार (9 फरवरी) को राज्यसभा के सभापति, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनके भाषण के कुछ हिस्सों को संसद के रिकॉर्ड से क्यों हटाया गया. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि मेरे भाषण में किसी के खिलाफ असंसदीय या आरोप लगाने वाली कोई बात थी... लेकिन कुछ शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया... अगर आपको कोई संदेह था, तो आप दूसरे तरीके से पूछ सकते थे, लेकिन आपने कहा है कि कुछ शब्दों को हटाया जाना चाहिए.'
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, '(पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी) वाजपेयी साहब ने (पूर्व प्रधानमंत्री पीवी) नरसिम्हा राव जी के खिलाफ एक शब्द का इस्तेमाल किया था और वह शब्द अभी भी किताबों में है.' वहीं जगदीप धनखड़ ने यह कहते हुए कांग्रेस प्रमुख को मनाने की कोशिश की कि सभापति विपक्ष के नेता का अंतिम रक्षक होता है.
'बयानों को किया जा रहा सेंसर'
इससे पहले, राहुल गांधी के भाषण से भी कई बातों को हटाया गया, जिससे बवाल खड़ा हो गया है. विपक्ष ने सरकार पर संसद में अपने बयानों को सेंसर करने का आरोप लगाया है. राहुल गांधी ने सदन से बाहर आते हुए पत्रकारों से कहा था, 'मेरे शब्द क्यों हटाए गए?... प्रधानमंत्री एक दिन पहले उठाए गए सवालों का जवाब देने में विफल रहे हैं.'
'उन्होंने कुछ नहीं बोला'
राहुल गांधी ने कहा, "मैंने उनसे (अरबपति गौतम अडानी के साथ उनके संबंधों के बारे में) सरल सवाल पूछे. उन्होंने उनका जवाब नहीं दिया... यह सच्चाई का खुलासा करता है. अगर वे दोस्त नहीं होते, तो वह एक जांच के लिए सहमत होते. उन्होंने शेल कंपनियों के आरोपों के बारे में भी कुछ नहीं कहा.' उल्लेखनीय है कि अडानी के पोर्ट-टू-एनर्जी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर अन्य विपक्षी दलों के साथ कांग्रेस ने पीएम मोदी की सरकार पर तीखा हमला किया है.
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