मल्लिकार्जुन खरगे आज संभालेंगे कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार, पार्टी के तमाम बड़े नेता रहेंगे मौजूद
Mallikarjun Kharge: मल्लिकार्जुन खरगे 24 साल बाद कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभालने वाले पहले गैर-गांधी नेता हैं. 17 अक्टूबर को हुए मतदान में खरगे को 7,897 वोट मिले थे.
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Congress President Mallikarjun Kharge: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) बुधवार (26 अक्टूबर) को दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) मुख्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभालेंगे. 17 अक्टूबर को हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में खरगे को एक तरफा जीत हासिल हुई थी. उनके सामने प्रतिद्वंद्वी के रूप में शशि थरूर थे.
इस कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यसमिति के सभी सदस्य, सांसद, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, कांग्रेस विधायक दल के नेता, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और एआईसीसी के अन्य पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है. इन सभी हितधारकों को संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने निमंत्रण भेजा है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.
शशि थरूर को भारी मतों दी थी शिकस्त
भूपेश बघेल ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे. उन्हें भी इस अवसर पर मौजूद रहने के लिए कहा गया है. इसलिए वह दिल्ली जा रहे हैं. खरगे ने अपने प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर (Shashi Tharoor) को पार्टी के शीर्ष पद की दौड़ में भारी अंतर से हराया था. वह 24 साल बाद कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभालने वाले पहले गैर-गांधी नेता हैं. 17 अक्टूबर को हुए मतदान में खरगे को 7,897 वोट मिले थे, जबकि उनके थरूर को महज 1,072 वोट मिले थे.
'कांग्रेस ने किया देश के लोकतंत्र को मजबूत'
अपनी चुनावी जीत के तुरंत बाद खरगे ने कहा कि पार्टी ने ऐसे समय में "संगठनात्मक चुनाव कराकर देश के लोकतंत्र को मजबूत करने का उदाहरण" पेश किया है, जब देश में "लोकतंत्र खतरे में है". उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश के 75 साल के इतिहास में 'लोकतंत्र को लगातार मजबूत किया है' और संविधान की रक्षा की है. इसके साथ ही उन्होंने थरूर की तारीफ करते हुए कहा था कि उन्होंने पार्टी को आगे ले जाने के तरीकों पर चर्चा की. वहीं, थरूर भी खडगे की जीत के बाद उन्हें बधाई देने उनके आवास पर गए थे.
खरगे के आगे सबसे बड़ी चुनौती
खरगे के आगे एक नहीं बल्कि तीन बड़ी चुनौतियां हैं. इसमें सबसे पहली है राजस्थान का सियासी संकट. उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट में से एक का चुनाव करना है. इसके बाद दो बड़ी जिम्मेदारियां हिमाचल प्रदेश और गुजरात में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर है.
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