केंडुली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया है. दरअसल आगामी गणतंत्र दिवस परेड में एकता की थीम पर आधारित राज्य की झांकी शामिल नहीं करने को लेकर मोदी सरकार पर ममता ने नाराजगी जताई.


बंगाल के हर आस्था को साथ लेकर चलने के यकीन का जिक्र करते हुए ममता ने आरोप लगाया कि बीजेपी धर्म के आधार पर लोगों को बांट रही है. बीरभूम जिले के 'जयदेव केंडुली मेला 2018' का उद्घाटन करने के बाद ममता ने कहा, "इस साल गणतंत्र दिवस पर हमारी झांकी एकता के थीम पर आधारित थी. मेरा मानना है कि इसी वजह से हमें शामिल नहीं किया गया."


बीजेपी-आरएसएस की तरफ इशारा करते हुए ममता ने कहा, "भगवा सभी में मेल नहीं खाता. यदि हम किसी को भगवा रंग का गलत इस्तेमाल करते देखेंगे तो अपनी आवाज बुलंद करेंगे." ममता जब यह बोल रही थीं उस वक्त 'बाउल' गायकों का एक समूह वहां भगवा परिधान में मौजूद था. 'बाउल' बंगाल का प्रसिद्ध आध्यात्मिक लोक गीत है.


उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार ने गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं की गई राज्य की झांकी दिखाने के लिए कई कलाकारों को भी बुलाया था. ममता ने कहा कि राज्य सरकार ने कला एवं संस्कृति के विभिन्न स्वरूपों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो लाख से ज्यादा कलाकारों का संरक्षण किया. उनमें से कुछ ने राज्य सरकार के विज्ञापनों में भी काम किया है.


इसके अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीरभूम जिले के लोगों को पड़ोस के इलाके में कुछ माओवादी संगठनों की गतिविधि के खिलाफ आगाह किया. साथ ही उन्होंने जिले में कई विकास कार्यक्रमों की भी घोषणा की.