NRC ड्राफ्ट में छूटे लोगों के प्रति मेरी सहानुभूति है: ममता बनर्जी
ममता बनर्जी 30 जून को एनआरसी के अंतिम मसौदा के जारी होने के बाद से इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाती रही हैं.
नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विश्व मानवता दिवस के अवसर पर आज कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण-नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) ड्राफ्ट में जिन लोगों को शामिल नहीं किया गया है, उनके प्रति मेरी सहानुभूति है. एनआरसी में करीब 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं हैं. मानवाधिकारों को संविधान के मूल तत्वों में से एक बताते हुए बनर्जी ने कहा कि जिन लोगों के नाम एनआरसी में शामिल नहीं हैं वे अब अपने ही देश में शरणार्थी बन गये हैं.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘आज विश्व मानवता दिवस है. मानवाधिकारों का सम्मान करना हमारे संविधान के मूल तत्वों में से एक है. आज इस अवसर पर मेरे दिल में उन 40 लाख लोगों के प्रति सहानुभूति है, जो असम में एनआरसी के कारण अपने ही देश में शरणार्थी बन गये हैं.’’
Today is World Humanitarian Day. Respecting human rights is one of the basic tenets of our Constitution. On this day, my heart goes out to the 40 lakh people who have become refugees in their own country because of #NRCAssam.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 19, 2018
ममता बनर्जी 30 जून को एनआरसी के अंतिम मसौदा के जारी होने के बाद से इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाती रही हैं. उन्होंने दावा किया कि जिनके नाम नागरिक पंजी की सूची में शामिल नहीं किये गये उन्हें ‘डिटेंशन कैम्प’ (हिरासत शिविर) भेजा जा रहा है.
तृणमूल अध्यक्ष ने यह भी कहा कि जो लोग इस देश में बरसों से रह रहे हैं उन पर ‘घुसपैठिये का लेबल’ लग गया है. उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा पर लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर इस मुहिम को चलाने का आरोप लगाया है.