कोलकाता: पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी के बीच राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि राज्य में हिंसा भड़काने के लिए बीजेपी ने कुछ लोगों को धन दिए हैं. उन्होंने पश्चिम बंगाल से बाहर की कुछ ताकतों पर तोड़फोड़ और आगजनी का आरोप लगाया.


इससे पहले तृणमूल कांग्रेस चीफ ने रेड रोड से उत्तरी कोलकाता में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात रचनाकार गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के आवास, जोरासांको ठाकुर बाड़ी तक रैली निकाली और संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी लागू नहीं करने का संकल्प जताया. उन्होंने केन्द्र को उनकी सरकार को बर्खास्त करने की चुनौती दी.


ममता बनर्जी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा,‘‘राज्य से बाहर की कुछ ताकतें जो अल्पसंख्यकों का मित्र होने का दिखावा कर रही हैं, वे हिंसा में शामिल हैं. ये ताकतें बीजेपी के हाथों की कठपुतली हैं, उनकी जाल में नहीं फंसें.’’ उन्होंने कहा,‘‘ जब तक मैं जिंदा हूं, मैं एनआरसी और नागरिकता कानून कभी लागू नहीं करूंगी. आप चाहें तो मेरी सरकार को बर्खास्त कर दें और मुझे सलाखों के पीछे डाल दें लेकिन मैं यह काला कानून कभी लागू नहीं करूंगी. जब तक यह कानून निरस्त नहीं कर दिया जाता मैं संवैधानिक तरीके से प्रदर्शन करना जारी रखूंगी.’’


उन्होंने दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में विद्यार्थियों पर पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की और कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए. बनर्जी ने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि बीजेपीको कानून व्यवस्था पर उपदेश देने से पहले अपने शासन वाले पूर्वोत्तर के राज्यों पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि महज कुछ ट्रेनों में आग लगा दिये जाने के बाद ही केंद्र ने राज्य के ज्यादातर हिस्सों में रेल सेवाएं रोक दी हैं.


इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बनर्जी की रैली ‘‘ असंवैधानिक और भड़काऊ कृत्य ’’ बताया और उनसे राज्य को इस स्थिति से बाहर निकालने पर समय लगाने की अपील की. राज्य में पिछले कुछ दिनों से इस कानून का विरोध करने वाले लोग आगजनी और तोड़फोड़ कर रहे हैं.


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