ममता बनर्जी ने जावेद अख़्तर से खेला होबे पर गाना लिखने को कहा, बीते दिन दोनों की दिल्ली में हुई थी मुलाकात
क्या ममता बनर्जी को अब देश की कमान संभालनी चाहिए? इस सवाल पर जावेद अख़्तर ने कहा कि ममता बनर्जी प्रधानमंत्री बनेंगी या नहीं ये बात उनकी प्रियॉरिटी में नहीं है.
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नई दिल्ली: फिल्म जगत की दिग्गज जोड़ी जावेद अख़्तर और शबाना आज़मी ने गुरुवार की शाम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनके दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर मुलाकात की. करीब आधे घंटे की इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने इन दोनों अतिथियों को विदा करने घर के बाहर तक आईं.
बहुत खुश मूड में दिखीं ममता बनर्जी
जावेद अख़्तर और शबाना आज़मी को विदा करने जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने घर से बाहर निकलीं तो थोड़ी दूर लगे मीडिया के कैमरों की ओर खुद ही अपने इन अतिथियों को लेकर आ गईं. हालांकि ममता ने जावेद अख़्तर को कैमरों के आगे बोलने का मौका दिया और खुद उनके पीछे ही थोड़ा हट के मुस्कुराते हुए खड़ी रहीं.
ममता बनर्जी ने जावेद अख़्तर से की खेला होबे पर गीत लिखने की मांग
पत्रकारों की ओर से जब जावेद अख़्तर से पूछा गया कि खेला होबे से आप क्या समझते हैं. यानी इस जुमले से आपका टेक अवे क्या है तो जावेद अख़्तर ने कहा कि अभी भी आप सबूत चाहते हैं क्या, अब ये तो हो चुका है. अब इसमें समझने जैसा क्या रहा. जावेद स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे थे तो ये देख के ममता बनर्जी ने पीछे से ब्रीफ करते हुए और थोड़ा अनौपचारिक ढंग से कहा कि खेला होबे का मतलब 'देश में परिवर्तन' होना चाहिए और आप इस पर गाना लिखिए. इस पर वहां मौजूद सभी लोग हंसने लगे.
ममता बनर्जी के प्रधानमंत्री बनने की संभावना पर जावेद अख़्तर का जवाब
क्या ममता बनर्जी को अब देश की कमान संभालनी चाहिए? इस सवाल पर जावेद अख़्तर ने कहा कि ममता बनर्जी प्रधानमंत्री बनेंगी या नहीं ये बात उनकी प्रियॉरिटी में नहीं है. उन्होंने परिवर्तन का नारा दिया है उस पर बंगाल चल रहा है और वो चाहती हैं कि देश भी परिवर्तन की राह पर चले. कौन प्रधानमंत्री बनेगा इससे बड़ा सवाल ये है कि हम कैसा भारत चाहते हैं. हमें हिंदुस्तान में कैसी परम्परा, कैसा वातावरण, कैसी आजादी चाहिए ये देखना है. हमें गर्व है कि हमारे देश में लोकतंत्र है और एशिया में सबसे बेहतर है. लेकिन इसे और बेहतर होना चाहिए.
जावेद अख़्तर ने कहा देश में टेंशन है, ध्रुवीकरण है
जावेद अख़्तर ने कहा कि देश में परिवर्तन होना चाहिए क्योंकि देश में टेंशन है. ध्रुवीकरण है. उत्तेजक भाषण दिए जा रहे हैं. कहीं-कहीं हिंसा हो रही है. जब दिल्ली में ही दंगे हो जाएं तो फिर बाकी क्या बचा.
ममता बनर्जी से मिलने का ये है कारण
जावेद अख़्तर ने बताया कि वो ममता बनर्जी को बधाई देने आए थे. उन्होंने कहा कि ममता जी के कुछ अहसान हैं हम पर. उन्होंने लेखकों की रॉयलटी अमेंडमेंट बिल में हमारा साथ दिया. अब लेखकों को काफी ज्यादा रॉयलटी मिलती है इसीलिए मिलने आए थे. धन्यवाद देना था. बधाई भी दिया. इस पूरी बात चीत के दौरान शबाना आज़मी मास्क के भीतर मुस्कुराती हुई नज़र आईं लेकिन कहा कुछ नहीं.
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