PM मोदी पर बरसी ममता बनर्जी, कहा- दुनिया की बेहतरी के लिए 2019 में बड़ा बदलाव आना चाहिए
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अध्यक्ष ममता बनर्जी ने नई दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में ‘लव फॉर नेबर’ कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारत में बदलाव की जरूरत है और यह बदलाव 2019 में दुनिया के सुधार के लिए आना चाहिए.”
नई दिल्ली: राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर जारी सियासी हंगामे के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंका. उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर बरसे और कहा कि 2019 में देश में बड़ा बदलाव आएगा.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अध्यक्ष ममता बनर्जी ने नई दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में ‘लव फॉर नेबर’ कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारत में बदलाव की जरूरत है और यह बदलाव 2019 में दुनिया के सुधार के लिए आना चाहिए.”
West Bengal CM Mamata Banerjee at a conference on 'Love For Neighbour' at Delhi's Constitution Club, says, "India needs a change & that change must come in 2019 for the betterment of the world." pic.twitter.com/wAmY9DlmXC
— ANI (@ANI) July 31, 2018
ममता बनर्जी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए विपक्षी एकता को धार देने की कोशिश कर रही हैं. ममता ने 'फेडरल फ्रंट' का प्लान तैयार किया है. हालांकि अंतिम रूप नहीं दिया गया है. कांग्रेस चाहती है कि सभी दल उनके नेतृत्व में चुनाव लड़े जबकि ममता फेडरल फ्रंट में कांग्रेस को शामिल करना चाहती हैं.
एनआरसी पर क्या बोलीं ममता ममता बनर्जी ने कहा कि एनआरसी को कभी भी पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगे. बीजेपी ने असम में एनआरसी ड्राफ्ट आने के बाद वादा किया है कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो वह एनआरसी लागू करेगी. ममता ने कहा, “केवल चुनाव जीतने के लिए लोगों को पीड़ित नहीं किया जा सकता है. क्या आपको नहीं लगता कि जिन लोगों का नाम लिस्ट में नहीं हैं, वो अपनी पहचान खो देंगे? कृप्या, इस बात को समझें कि भारत-पाकिस्तान-बांग्लादेश विभाजन से पहले एक थे. जो भी मार्च 1971 तक बांग्लादेश से भारत आया था वह भारतीय नागरिक है.”
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उन्होंने कहा, ''असम में क्या हो रहा है? बंगाली ही नहीं, अल्पसंख्यक, हिंदू, बिहारी भी 40 लाख लोगों में शामिल हैं. जिन्होंने सत्तारूढ़ दल को वोट किया और अचानक उन्हें अपने ही देश में रिफ्यूजी करार दिया गया.''
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, ''हम पश्चिम बंगाल में ऐसा नहीं होने देंगे क्योंकि हम वहां हैं.'' उन्होंने कहा, ''आश्चर्य की बात है कि पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार वालों का भी नाम एनआरसी में नहीं है.''
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