सीएम ममता का पीएम मोदी-अमित शाह से सवाल- लॉकडाउन के आकलन के लिए किस आधार पर केन्द्रीय दलों का गठन हुआ?
ममता बनर्जी ने कहा कि वे पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से इसको लेकर जानकारी साझा करने की अपील करती हैं. उन्होंने कहा कि किस आधार पर आईएमसीटी स्थापित किया जा रहा है ये स्पष्ट नहीं है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को पूछा कि राज्यों में लॉकडाउन मानदंडों के क्रियान्वयन का आकलन करने के लिए किस आधार पर छह अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दलों (आईएमसीटी) का गठन किया गया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आकलन के आधार साझा करने को कहा, जिसके बिना उनकी सरकार आगे कोई कदम नहीं उठा पाएगी.
ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘ हम कोविड-19 संकट से निपटने के सभी रचनात्मक समर्थन और सुझावों का स्वागत करते हैं, विशेषकर केन्द्र सरकार के.....हालांकि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत केन्द्र सरकार किस आधार पर पश्चिम बंगाल सहित भारत के कई जिलों में आईएमसीटी स्थापित कर रही है यह स्पष्ट नहीं है.’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और गृह मंत्री अमित शाह जी से इस संबंध में जानकारी साझा करने का आग्रह करती हूं. तब तक मुझे संदेह है कि हम आगे कोई कार्रवाई नहीं कर पाएंगे, क्योंकि बिना किसी ठोस तर्क के यह संघवाद की भावना के खिलाफ होगा. ’’
I urge both Honb’le Prime Minister @NarendraModi Ji & Home Minister @AmitShah Ji to share the criterion used for this. Until then I am afraid, we would not be able to move ahead on this as without valid reasons this might not be consistent with the spirit of federalism. (2/2)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 20, 2020
केन्द्र ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में कोविड-19 की स्थिति का आकलन करने के लिए छह आईएमसीटी का गठन किया है. मंत्रालय ने कहा था कि केन्द्र सरकार ने इन स्थानों में कोविड-19 संबंधी हालात का वहां जाकर आकलन करने और चारों राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने के लिए छह अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दलों (आईएमसीटी) का गठन किया है.
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आईएमसीटी बंद के नियमों के अनुसार दिशा-निर्देशों के पालन एवं क्रियान्वयन, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, सामाजिक दूरी, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे की तैयारी, स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा और श्रमिकों एवं गरीबों के लिए स्थापित राहत शिविरों में हालात पर गौर करेंगी.’’
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए 24 मार्च को बंद की घोषणा की थी जिसके बाद में तीन मई तक के लिए बढ़ा दिया गया.