Kolkata Doctor Rape Murder Case: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और फिर मर्डर मामले को लेकर कांग्रेस और बीजेपी राज्य की ममता सरकार पर हमलावर है. इस बीच आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी को पश्चिम बंगाल सरकार ने तबादला कर दिया है.


बर्द्धमान मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टर बिरुपाक्ष बिस्वास को मंगलवार (3 सितंबर 2024) को पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप उप-मंडल अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया. डॉक्टर बिरुपाक्ष बिस्वास को 9 अगस्त 2024 को रेप-हत्या के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया था. कोलकाता और बर्द्धमान शहर के बीच लगभग 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी है.


तबादले के बाद डॉ. बिस्वास क्या बोले?


तबादले के बाद बिस्वास ने बुधवार (4 सितंबर 2024) को कहा कि यह एक नियमित प्रक्रिया है. उन्होंने कहा, "मेरे पोस्ट-ग्रेजुएशन के अंकों के आधार पर छह महीने पहले मेरिट-आधारित काउंसलिंग की गई थी. मुझे उत्तर बंगाल में कूच बिहार या जलपाईगुड़ी या दक्षिण बंगाल में काकद्वीप जाने का विकल्प दिया गया था. मैं उत्तर बंगाल नहीं जाना चाहता था और इसलिए मैंने काकद्वीप को चुना."


संदीप घोष के करीबी सहयोगी होने का आरोप


राज्य सरकार का यह आदेश आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के सस्पेंड होने के तुरंत बाद आया है, जिन्हें सीबीआई ने सोमवार (2 सितंबर 2024) की रात को आरजी कर हॉस्पिटल में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने कई दिनों की पूछताछ के बाद संदीप घोष को गिरफ्तार किया. इस दौरान पूर्व प्रिंसिपल को पॉलीग्राफ टेस्ट से भी गुजरना पड़ा है. पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने संदीप घोष के खिलाफ तब तक कोई कोई कर्रवाई नहीं की, जब तक कि उनकी गिरफ्तारी नहीं हो गई.


डॉक्टर बिरुपाक्ष बिस्वास पर संदीप घोष के करीबी सहयोगियों में से एक होने का आरोप है. है. इतना ही नहीं  9 अगस्त से लगातार आंदोलन कर रहे डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने उनके खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की पश्चिम बंगाल इकाई सहित अलग-अलग संगठनों के वरिष्ठ डॉक्टर्स ने आरोप लगाया था कि संदीप घोष कई सहयोगियों की मदद से स्वास्थ्य विभाग में रैकेट चला रहे थे, जिनमें बिस्वास भी एक थे.


आंदोलन के समय वायरल हुआ था ऑडियो क्लिप


कोलकाता घटना के बाद जब जूनियर डॉक्टर्स आंदोलन कर रहे थे तो समय एक ऑडियो वायरल हुई थी, जिसमें बिरुपाक्ष बिस्वास को लास्ट ईयर के मेडिकल छात्र को धमकी देते हुए सुना गया था. वायरल ऑडियो में बिस्वास कह रहे थे कि अगर उनके आदेशों का पालन नहीं किया गया तो छात्रों को प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा. बिस्वास ने उस समय मीडिया को बताया था कि वह फेक ऑडियो क्लिप था, जिसे एआई का इस्तेमाल कर बनाया गया था. 


डॉक्टर बिरुपाक्ष बिस्वास ने यह स्वीकार किया है कि ट्रेन डॉक्टर की मौत के बारे में सुनने के बाद वह 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल गए थे, लेकिन उन्होंने दावा किया कि वह कभी भी क्राइम सीन या इमरजेंसी बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर पर नहीं गए थे.


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