Mamata Banerjee Letter To PM: ‘न तो स्वीकार्य है और न ही...’ बांग्लादेश के साथ बातचीत पर ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्टी, नीट के मुद्दे को भी उठाया
NEET Paper Leak Row: देश में इन दिनों पेपर लीक का मुद्दा उफान पर है. विपक्ष से लेकर छात्र छात्राएं इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं, सरकार ने इसकी जांच का जिम्मा सीबीआई को दिया है.
WB CM Letter To PM Modi: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार (24 जून) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखी है, जिसमें उन्होंने आग्रह किया कि ‘पेपर लीक’ विवाद को देखते हुए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को खत्म करने और राज्यों की ओर से परीक्षा आयोजित करने की पुरानी प्रणाली बहाल करने पर विचार किया जाए.
प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में सीएम बनर्जी ने नीट-यूजी परीक्षा में कथित अनियमितताओं में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की. उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे आग्रह करती हूं कि आप इस पर विचार करें और राज्य सरकारों की ओर से इस परीक्षा को आयोजित करने की पुरानी प्रणाली को बहाल करने तथा नीट को खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाएं.’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘इस कदम से स्थिति को सामान्य करने में मदद मिलेगी और छात्रों में विश्वास भी बढ़ेगा.’’
बांग्लादेश के साथ बातचीत पर क्या बोलीं ममता?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखी चिट्ठी में ममता बनर्जी ने पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ तीस्ता जल बंटवारे और फरक्का संधि पर चर्चा से पश्चिम बंगाल सरकार को कथित रूप से बाहर रखने पर “कड़ी आपत्ति” व्यक्त की. उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि बंगाल सरकार को शामिल किए बिना पड़ोसी देश के साथ ऐसी कोई चर्चा न की जाए.
क्या कहा ममता बनर्जी ने?
बंगाल की मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को लिखी तीन पन्नों की चिट्ठी में कहा, "मैं यह पत्र बांग्लादेश की प्रधानमंत्री की हाल की यात्रा के संदर्भ में लिख रही हूं. ऐसा लगता है कि बैठक के दौरान गंगा और तीस्ता नदियों से संबंधित जल बंटवारे के मुद्दों पर चर्चा हुई होगी. राज्य सरकार से परामर्श और राय लिए बिना इस तरह की एकतरफा चर्चा न तो स्वीकार्य है और न ही वांछनीय है."
उन्होंने आगे लिखा, "पश्चिम बंगाल राज्य ने अतीत में कई मुद्दों पर बांग्लादेश के साथ सहयोग किया है. भारत-बांग्लादेश परिक्षेत्रों के आदान-प्रदान पर समझौता, जिसे चिटमहल के नाम से भी जाना जाता है, भारत-बांग्लादेश रेलवे लाइन और बस सेवा इस क्षेत्र में अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए बांग्लादेश के साथ मिलकर काम करने के कुछ मील के पत्थर हैं. हालांकि, पानी बहुत कीमती है और लोगों की जीवन रेखा है." हम ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर समझौता नहीं कर सकते जिसका लोगों पर गंभीर और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. ऐसे समझौतों के प्रभाव से पश्चिम बंगाल के लोग सबसे ज़्यादा पीड़ित होंगे."
ये भी पढ़ें: NEET Paper Leak Row: मुन्ना भाई से लेकर आंसर शीट बदलने तक का था जुगाड़, नीट पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा