नई दिल्ली: 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों की मोर्चाबंदी की कोशिश शुरू कर दी है. सीएम ममता ने इसी सिलसिले में मंगलवार को शिवसेना, एनडीए सरकार से हाल ही में अलग हुई चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी, टीआरएस और एनसीपी के नेताओं से मुलाकात की. उनकी सोनिया गांधी से मिलने की बात तय थी लेकिन पर सोनिया गांधी की तबियत ठीक नहीं होने की वजह से मुलाकात नहीं हो पाई. ममता बनर्जी कल बीजेपी के असंतुष्ट नेताओं शत्रुघ्न सिन्हा, यशवंत सिन्हा और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण शौरी से मिलेंगी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री चार दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं.


बीजेपी के लिए बोरिया बिस्तर बांधने का समय आ गया: ममता बनर्जी


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज कहा कि नोटबंदी और बैंक घोटाले जैसे मुद्दों ने जमीनी स्तर पर जनता को प्रभावित किया है और बीजेपी के लिए बोरिया बिस्तर बांधकर निकलने का वक्त आ गया है. उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दलों को बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए एकसाथ मिलकर मेहनत करनी चाहिए.


कर्नाटक विधानसभा चुनावों की लीक चुनावी तारीखों पर प्रतिक्रिया देते हुए सीेएम ममता ने कहा कि सभी संस्थाएं बीजेपी की संस्थाएं बन गई हैं क्योंकि बीजेपी कई एजेंसियों का प्रयोग और दुरुपयोग कर रही हैं. बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इससे पहले आज चुनाव आयोग की तरफ से कर्नाटक विधानसभा चुनावों की तारीखें घोषित करने से पहले ही इन चुनावों की तारीखें ट्वीट कर दीं. इसके बाद आयोग ने इस लीक को बहुत गंभीर मुद्दा करार देते हुए इस मामले में जांच और कड़ी कार्रवाई की जरूरत की बात कही.


सभी विपक्षी दल एकसाथ मिलकर मेहनत करें: ममता बनर्जी


तृणमूल प्रमुख ममता ने कहा, ‘‘ हम चाहते हैं कि सभी विपक्षी दल एकसाथ मिलकर मेहनत करें. हमें बीजेपी से लड़ने के लिए राज्य की सबसे मजबूत विपक्षी पार्टी की मदद करनी चाहिए. यह एक लड़ाई होनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जनता बीजेपी के खिलाफ है. मैंने कई राज्यों की यात्रा की. मैं जनता का मूड जानती हूं. नोटबंदी, जीएसटी, बैंक धेाखाधड़ी जैसे मुद्दों ने जमीनीस्तर पर जनता को प्रभावित किया है. बीजेपी के लिए बोरिया बिस्तर बांछकर निकल लेने का वक्त आ गया है.’’


2014 में किसे मिली थी कितनी सीटें


2014 लोसभा चुनाव में टीएमसी ने 34, बीजेडी 20, शिवसेना ने 18, एनसीपी ने 6 और टीआरएस ने 11 सीटें जीती थीं. कुल मुलाकर 89 होता है. देश में पहले भी तीसरा मोर्चा खड़ा करने की कोशिश हुई है लेकिन सफलता कम ही हाथ लगी. जानकारों की राय में अगर ये तीसरा मोर्चा खड़ा होता है तो बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस को ही नुकसान हो सकता है. ऐसे में 2019 में मोदी की राह आसान हो सकती है.