Mamata Banerjee On I.N.D.I.A: विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा है कि देश के कई हिस्सों में बीजेपी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व क्षेत्रीय दलों की ओर से किया जाना चाहिए. हालांकि, उन्होंने सोमवार (22 जनवरी, 2024) शाम यह भी कहा- कांग्रेस स्वतंत्र रूप से 300 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ सकती है पर बाकी सीटें क्षेत्रीय दलों के लिए छोड़ी जानी चाहिए.


दीदी के नाम से मशहूर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की चीफ ने गठबंधन की कार्यशैली को लेकर नाराजगी भी जताई. उन्होंने कहा कि इंडिया नाम मैंने ही दिया था लेकिन बैठकों में उचित सम्मान नहीं मिलता. ममता ने राहुल गांधी पर भी इशारे इशारे में टिप्पणी की ओर कांग्रेस पर मनमानी रुख अपनाने का आरोप लगाया.


वाम दलों पर साधा निशाना
प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन कोलकाता में सद्भावना रैली का नेतृत्व करने के बाद संबोधन के बीच ममता बनर्जी ने वाम दलों पर भी निशाना साधा. वह बोलीं कि वाम दल ‘इंडिया’ के एजेंडे पर नियंत्रण की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने आगे यह दावा भी किया कि तृणमूल की तरह बीजेपी को सीधी टक्कर कोई नहीं दे रहा है.


'क्षेत्रीय दलों के लिए कांग्रेस को छोड़नी चाहिए सीटें'
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, टीएमसी नेता बोलीं- ‘मैं इस बात पर जोर देती हूं कि कुछ विशेष क्षेत्रों को क्षेत्रीय दलों के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए. वे (कांग्रेस) अकेले 300 (लोकसभा) सीट पर लड़ सकते हैं और मैं उनकी मदद करूंगी. मैं उन सीट पर चुनाव नहीं लड़ूंगी लेकिन वे अपनी बात पर अड़े हैं.


कांग्रेस का उल्लेख किए बिना ममता बनर्जी ने राज्य में सीट-बंटवारे को लेकर बातचीत में देरी के लिए उसकी आलोचना की. ‌उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास भाजपा से मुकाबला करने और उनके खिलाफ लड़ने की ताकत और जनाधार है पर कुछ लोग सीट बंटवारे को लेकर हमारी बात नहीं सुनना चाहते. अगर आप बीजेपी से नहीं लड़ना चाहते तो कम से कम उसके खाते में सीट तो मत जाने दें.’’


 'मैंने इंडिया नाम का सुझाव दिया'
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने विपक्षी दलों की बैठक में गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रखने का सुझाव दिया था लेकिन जब भी मैं बैठक में शामिल होती हूं तो देखती हूं कि वाम दल इसे नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं. यह स्वीकार्य नहीं है. मैं उन लोगों से सहमत नहीं हो सकती जिनके खिलाफ मैंने 34 साल तक संघर्ष किया.’’ बनर्जी ने आगे टिप्पणी की, ‘‘इस तरह के अपमान के बावजूद, मैंने समझौता किया और ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठकों में हिस्सा लिया.’’


राहुल गांधी पर क्या बोलीं ?


कांग्रेस नेता राहुल गांधी को असम में वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर जाने से रोके जाने का पर बनर्जी ने टिप्पणी की. उन्होंने कहा, ‘‘केवल मंदिर जाना ही पर्याप्त नहीं है.’’ उन्होंने बीजेपी के खिलाफ संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आज कितने नेताओं ने बीजेपी से सीधे तौर पर मुकाबला किया? कोई व्यक्ति एक मंदिर में गया और सोचा कि यह पर्याप्त है लेकिन ऐसा नहीं है. मैं एकमात्र व्यक्ति हूं जो मंदिर, गुरुद्वारा, गिरजाघर और मस्जिद गई. मैं लंबे समय से लड़ रही हूं. जब बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया गया और हिंसा हो रही थी तब भी मैं सड़कों पर थी.’’


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