महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द होने पर ममता बनर्जी की पहली प्रतिक्रिया, 'डेमोक्रेसी की बाईपास सर्जरी'
Mamata Banerjee on Mahua Moitra: टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द होने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ये गणतंत्र की हत्या है.
Mahua Moitra News: तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द होने पर मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि ये गणतंत्र कि हत्या है. उन्होंने लोकसभा के फैसले के कुछ मिनटों के भीतर कहा, ''डेमोक्रेसी की बाईपास सर्जरी हो गई है.''
दार्जिलिंग के कर्सियांग में महुआ मोइत्रा पर ममता बनर्जी ने कहा, "मैं आपको बता रही हूं कि महुआ (मोइत्रा) परिस्थितियों की शिकार हुई हैं. मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं. हमारी पार्टी (TMC) महुआ से साथ है हमारी पार्टी INDIA गठबंधन के साथ मिलकर लड़ेगी. यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. मुझे बीजेपी का रवैया देखकर दुख हो रहा है. उन्होंने लोकतंत्र को कैसे धोखा दिया. उन्होंने महुआ को अपना रुख स्पष्ट करने की अनुमति नहीं दी. सरासर अन्याय हुआ है."
ममता बनर्जी ने और क्या कुछ कहा?
उन्होंने कहा कि हर दल को समय नहीं दिया गया. 485 पन्ने के कागज को पढ़ने के लिए समय तक नहीं दिया है. महुआ इस लड़ाई को जीतेंगी और हम उसके साथ है. जनता बीजेपी को करारा जवाब देगी और महुआ को जिताएगी.
#WATCH | "This is vendetta politics of BJP. They killed democracy....It is injustice. Mahua will win the battle. The people will give justice. They (BJP) will be defeated in the next election," says TMC chairperson Mamata Banerjee. pic.twitter.com/Y88F8YhNwK
— ANI (@ANI) December 8, 2023
इससे पहले लोकसभा में कैश फॉर क्वेरी मामले में एथिक्स कमेटी के चेयरमैन और बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर ने रिपोर्ट पेश किया. इसके बाद चर्चा हुआ. इस दौरान विपक्ष ने इसे साजिश बताया और कहा कि बीजेपी जल्दबाजी कर रही है. महुआ मोइत्रा और अन्य सांसदों को बोलने का मौका मिलना चाहिए.
वहीं स्पीकर ओम बिरला ने इससे इनकार कर दिया. तय समय में चर्चा के बाद लोकसभा सदस्यता रद्द करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी मिल गई. इसी के साथ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द हो गई.
सदस्यता रद्द होने पर महुआ मोइत्रा ने कहा कि नकदी या उपहार का कोई सबूत नहीं है, आचार समिति ने मुद्दे की जड़ तक पहुंचे बिना मुझे दोषी ठहराने का फैसला किया.