बीजेपी के घोषणापत्र में किए वादों पर जमकर बरसीं ममता, कहा- चुनाव के बाद ये नजर नहीं आएंगे
सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेता चुनाव से पहले झूठ बोलते हैं. हर चीज का वादा करेंगे लेकिन चुनाव के बाद वे नजर नहीं आएंगे. हर लोगों के अकाउंट में 15-15 लाख रुपये जमा करने के वादे का क्या हुआ?
कोतुलपुर/इंडस: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों को ‘नि:शुल्क’ चावल और दालें देने के वादे को लेकर बीजेपी पर निधाना साधा. उन्होंने सोमवार को कहा कि बीजेपी चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन उन्हें कभी पूरा नहीं करती. उन्होंने बांकुड़ा जिले के कोतुलपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी ने लोगों को धमकाने के लिए गुंडे बुलाए हैं. ये गुंडे आपके घर आकर हाथ जोड़कर महिलाओं से वोट मांग सकते हैं.
ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘बीजेपी के नेता चुनाव से पहले झूठ बोलते हैं. वे चावल, दालें, चाकरी (नौकरी) और हर चीज का वादा करेंगे, लेकिन चुनाव के बाद वे नजर नहीं आएंगे. मैं जानना चाहती हूं कि (2014 लोकसभा चुनाव से पहले) हर नागरिक के बैंक खाते में 15-15 लाख रुपए जमा कराने के पार्टी के वादे का क्या हुआ.’’ उन्होंने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यदि ये लोग आपको अप्रत्यक्ष रूप से धमकाते हैं तो उन्हें खदेड़ने के लिए अपने घरों के बरतन हाथों में लेकर तैयार रहें.’’उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने ‘मतदाताओं को लूटने’ के लिए बाहर से गुंडे बुलाए हैं.
सीएम ममता ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण के बीजेपी के वादे पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘वे विभिन्न मंचों पर निर्वाचित प्रतिनिधियों में महिलाओं का 33 फीसदी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए कदम नहीं उठा सके.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके विपरीत, तृणमूल ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि महिलाओं को पंचायत और स्थानीय निकाय चुनावों में 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व मिले. इसके अलावा संसद में तृणमूल की 40 फीसदी सदस्य महिलाएं हैं.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी जिन राज्यों में सत्ता में है, वह उन राज्यों में महिलाओं के लिए आदेश जारी कर रही है कि उन्हें क्या पहनना चाहिए और क्या खाना चाहिए.
ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘वे (भगवा दल के नेता) ये आदेश देते हैं कि किसी को साड़ी पहननी चाहिए या कोई और परिधान पहनना चाहिए. वे फैसला करते हैं कि गर्भवती महिला को अंडे खाने चाहिए या नहीं.’’ उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी सत्ता में आती है, तो वह एनपीआर और एनआरसी को लागू कर देगी और इन रजिस्टर से असल नागरिकों के नाम हटा देगी. उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी भारत का इतिहास और भूगोल बदलना चाहती है... वे अपनी इच्छानुसार शैक्षणिक संस्थानों के नाम बदलते हैं. गुजरात में एक स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर रखा गया. एक दिन वे हमारे देश का नाम ही बदल देंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जल्द ही नरेंद्र मोदी को (बी आर) आम्बेडकर, यहां तक कि (रवींद्रनाथ) टैगोर से भी बड़ी हस्ती के रूप में पेश किया जाएगा.’’
बंगाल को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के बीजेपी के संकल्प पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमें अब भी ‘पीएम केयर्स फंड’ के तहत खर्च किए गए धन की जानकारी नहीं मिली है. विनिवेश की आड़ में क्या चल रहा है, यह किसी से छुपा नहीं है. दूसरी ओर, मैं वेतन के रूप में एक भी पैसा नहीं लेती हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोदी बाबू, आपको बताना चाहिए कि आप कोल इंडिया, बीएसएनएल, एमटीएनएल और सेल को बंद करने और हिस्सेदारी बेचने को लेकर इतने आतुर क्यों हैं? आप राष्ट्रीयकृत बैंकों को बंद करने के लिए इतने आतुर क्यों हैं?’’
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और वाम दलों की बीजेपी के साथ मिलीभगत है. उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं विपक्ष में थी तो सीपीएम के गुंडों ने कोतुलपुर, चोमकैताला इलाकों में आतंक फैलाया था. जब मैंने पीड़ित परिवारों का समर्थन करने के लिए प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया था, तो उन्होंने मुझ पर हमला भी किया था और अब ये सीपीएम गुंडे बीजेपी के साथ हैं.’’ उन्होंने 10 मार्च को नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें लगी चोट के बारे में बात करते हुए आरोप लगाया कि वह प्रतिद्वंद्वियों के षड्यंत्र का शिकार हुईं.
मुख्यमंत्री ने बांकुड़ा के इंडस में भी एक अन्य चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे ईवीएम की जांच के दौरान या त्रुटिपूर्ण उपकरणों को बदले जाने के दौरान सतर्क रहे. उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव के दौरान किसी भी अजनबी की दी कोई चीज न खाएं और उनकी दी सिगरेट न पिएं. ईवीएम छोड़कर कहीं न जाएं, भले ही कुछ भी हो जाए.’’ उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि वह मत के बदले तोहफे देने वाले लोगों से दूर रहें.
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