Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव से पहले 'इंडिया गठबंधन' (I.N.D.I.A Alliance) के दलों में जहां सीट शेयरिंग के मुद्दे पर पहले से ही खींचतान जारी है, वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्षी 'गठबंधन' से बाहर आने की अटकलें भी जोर शोर से लगाई जा रही हैं. इन सब के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के करीबी सूत्र ने बड़ा दावा किया कि वो, नीतीश कुमार के गठबंधन छोड़ने की खबरों को 'छुटकारा' मिलने के रूप में देख रही हैं.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस की ओर से शुक्रवार (26 जनवरी) को राजभवन में एक मिलन समारोह का आयोजन किया गया था. जिसमें प्रदेश सीएम ममता बनर्जी भी शामिल हुईं थीं. कार्यक्रम में सीपीएम के दिग्गज नेता और वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस भी पहुंचे थे. इसमें बीजेपी और कांग्रेस पार्टी की तरफ से किसी नेता ने शिरकत नहीं की थी.
बिहार में गठबंधन को होगा सत्ता विरोधी लहर का नुकसान
ममता बनर्जी के करीबी सूत्र ने उनकी ऑफ-द-रिकॉर्ड चर्चा का हवाला देते हुए दावा किया कि दीदी का मानना है कि अगर नीतीश कुमार गठबंधन छोड़ देते हैं तो निश्चित तौर पर उनके छुटकारा मिल जाएगा. उनका यह भी सोचना है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ जो सत्ता विरोधी लहर है, उसका नुकसान गठबंधन को उठाना पड़ सकता है.
'महागठबंधन छोड़ने से आरजेडी-कांग्रेस को नुकसान नहीं'
बंगाल सीएम के करीबी सूत्रों ने दावा किया कि अगर नीतीश कुमार 'बिहार ग्रैंड अलायंस' से बाहर निकलते हैं तो इससे आरजेडी और कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होने वाला. यह भी आशंका जताई कि अगर ये दोनों जेडीयू के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ते तो बिहार की 40 सीटों में से उनको सिर्फ 6 से 7 सीटें ही मिलतीं.
नीतीश कुमार की प्रतिबद्धता पर पहले से रहा संदेह
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया है कि ममता बनर्जी, शुरुआत से ही नीतीश कुमार की इंडिया गठबंधन प्रतिबद्धता को लेकर संदेह जताती रहीं. जिसके चलते उन्होंने उनके संयोजक बनने पर आपत्ति जताई. बीजेपी, नीतीश कुमार को पहले इंडिया अलायंस का संयोजक नियुक्त करवाना चाहती थी और फिर उनको एनडीए में शामिल करवाने की योजना बनाए बैठी थी. इसके बारे में ममता बनर्जी पहले से ही जानती थीं.
ममता बनर्जी के विरोध के चलते नहीं बने संयोजक
ममता बनर्जी के विरोध करने के बाद नीतीश कुमार को संयोजक नहीं बनाया जा सका. सीएम बनर्जी के इस विरोध को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, शिव सेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे और समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने समर्थन किया था.
उधर, राजभवन में आयोजित समारोह के दौरान शुक्रवार शाम को जब ममता बनर्जी से नीतीश कुमार के यू-टर्न लेने से बीजेपी को कितना बड़ा फायदा होने वाला सवाल पूछा गया तो वो इसका सीधा जवाब देने से बचती नजर आईं. हालांकि, उन्होंने यही कहा, ''हालात जो भी हों, वो हमेशा बीजेपी से लड़ती रहेंगी.''
कांग्रेस नेता को बंगाल में करेंगी 'टी' ऑफर
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच चल रही तीखी बहस और बयानबाजी को लेकर कहा कि बंगाल में 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के कार्यक्रम को लेकर उनको अंधेरे में रखा गया था. जहां तक उनका राहुल गांधी के आमने सामने होने की बात है तो वो (मजाकिया लहजे में कहा) कांग्रेस नेता को 'टी' ऑफर करेंगी.
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