डुमुरजोला के जिस मैदान में टीएमसी के तीन विकेटों गिर थे अब उसी मैदान पर तृणमूल कांग्रेस रैली करने जा रही है. दरअसल, वैशाली डालमिया, राजीव बनर्जी और प्रबीर घोषाल इस मैदान पर औपचारिक रूप से बीजेपी में शामिल हुए थे अब उसी जगह तृणमूल रैली करने को तैयार है.


31 जनवरी का जवाब 7 फरबरी को देने जा रही है तृणमूल कांग्रेस


31 जनवरी को टीएमसी के तीन विधायक राजीव बनर्जी, वैशाली डालमिया और प्रबीर घोषाल को बीजेपी ने अपनी टीम में शामिल कर लिया था. सिर्फ तीन विधायक ही नहीं साथ में गेरुआ कैम्प में और कई नेता शामिल हुए थे. हावड़ा के जिस मैदान पर कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी की मौजूदगी में बीजेपी ने टीएमसी को धक्का दिया था अब उसी मैदान पर तृणमूल कांग्रेस रैली का आयोजन करने जा रही  है.


7 फरबरी को हावड़ा के डुमुरजोला की इस मैदान पर शामिल होंगे टीएमसी के कई बड़े नेता और मंत्री


हावड़ा जिले में कई बड़े नेता तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए है. अब टीएमसी इसलिए हावड़ा में शक्ति प्रदर्शन करना चाहती है और दिखाने की कोशिश में है कि नेताओं के भगदड़ के बीच में भी जनता और कार्यकर्ता उन्हीं के साथ है.


हावड़ा जिला में टीएमसी की दायित्व जिन पर है वहीं विधायक और मंत्री अरूप रॉय का कहना है कि "इस रैली में बीजेपी की रैली से चार गुना ज्यादा लोग शामिल होंगे" टीएमसी नेता शांतनु सेन ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा, “बीजेपी के साथ हम कोई तुलना नहीं करना चाहते हैं. टीएमसी इस शक्ति प्रदर्शन में बहुत आगे रहेगी.


बीजेपी की रैलीओं के आस पास टिक नहीं पायी थी तृणमूल कांग्रेस- BJP


हालांकि डुमुरजोला में सफलता के साथ रैली आयोजित करने के बाद अब बीजेपी टीएमसी को ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रही है. बीजेपी की तरफ से कहा गया है कि हर बार टीएमसी ऐसा ही कहती है, 2018 की अंत में और 2019 में भी लोकसभा चुनाव से पहले कई बार देखा गया था की बीजेपी की रैलीओं के आस पास टिक नहीं पायी थी तृणमूल कांग्रेस.


इससे पहले भी बीरभूम के शांतिनिकेतन और बर्धमान के कटवा में बीजेपी का रोड शो के बाद टीएमसी भी रोड शो किया था. तू चल में आई वाली राजनीति अब बीरभूम, बर्धमान के बाद हावड़ा में भी होने जा रही है.


यह भी पढ़ें.


e-Conclave: कृषि मंत्री तोमर बोले- किसानों को कानून समझने की जरूरत, सरकार चर्चा से चाहती है समाधान


दिल्ली बॉर्डर पर बाड़ेबंदी को लेकर राहुल-प्रियंका का सवाल- 'प्रधानमंत्री जी, अपने किसानों से ही युद्ध?'