West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार (3 फरवरी) को विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संस्पेड होने से बचा लिया है. सीएम बनर्जी के विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी से माफी मांगे जाने के बाद अधिकारी को निलंबित नहीं किया गया. उन पर आरोप है कि उन्होंने स्पीकर  बनर्जी पर अशोभनीय टिप्पणी की. 


सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अधिकारी ने राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस के अभिभाषण की आलोचना करते हुए अपना संबोधन शुरू किया. उन्होंने कहा कि गर्वनर आनंद बोस ने अपने अभिभाषण में कर्मचारी चयन आयोग घोटाला, और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों की गिरफ्तारी सहित कई घोटालों का जिक्र नहीं किया. हालांकि, अध्यक्ष बनर्जी ने उनसे सदन में इस तरह के आरोप नहीं लगाने को कहा. बीजेपी विधायक दल ने इसके विरोध में अध्यक्ष बनर्जी के खिलाफ नारेबाजी की. 


'दुर्व्यवहार किया है'
विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने  कहा, ‘‘मैं सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ मेरे पर की टिप्पणी के लिए विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश करने का अपना अधिकार सुरक्षित रखता हूं. उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया है.’’ बाद में राज्यपाल के अभिभाषण पर अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में अधिकारी के आचरण की निंदा की.  


ममता बनर्जी ने क्या कहा? 
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘क्या विपक्ष के नेता सदन में इस तरह का व्यवहार करते हैं? हम इसकी निंदा करते हैं. महोदय, मैं उनकी ओर से माफी मांगती हूं, क्योंकि वे नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं. ’’ बनर्जी के भाषण के बाद टीएमसी के विधायक तपस रॉय ने अधिकारी को 20 फरवरी तक सदन से निलंबित करने की मांग करते हुए विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया. 


प्रस्ताव वापस क्यों लिया? 
विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने तब कहा, ‘‘ सीएम ममता बनर्जी पहले ही उनकी (अधिकारी की) ओर से माफी मांग चुकी हैं, ऐसे में मेरा मानना है कि प्रस्ताव वापस ले लिया जाना चाहिए.’’ उनके कहने पर रॉय प्रस्ताव वापस लेने पर सहमत हो गए. 


ये भी पढ़ें- West Bengal: नॉर्थ बंगाल में ममता बनर्जी और बीजेपी के बीच छिड़ा कौन सा नया संग्राम, दिलचस्‍प है जंग के इस नए मैदान की कहानी