नई दिल्ली: चक्रवात उम्पुन पश्चिम बंगाल में कहर बनकर टूटा है. राज्य में उम्पुन की वजह से अब तक 72 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पश्चिम बंगाल आने और चक्रवात उम्पुन से प्रभावित इलाकों का दौरा करने का अनुरोध करूंगी. साथ ही ममता ने मुआवजे का एलान किया.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ''पश्चिम बंगाल सरकार चक्रवात उम्पुन की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के परिजन को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देगी.'' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज कहा कि चक्रवाती तूफान ‘उम्पुन’ से सभी प्रभावितों की पूरी मदद की जाएगी और कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.
राष्ट्रीय संकट प्रंबधन समिति (एनसीएमसी) ने चक्रवाती तूफान से बुरी तरह प्रभावित पश्चिम बंगाल और ओडिशा में राहत-बचाव अभियान की समीक्षा की. जहां भारतीय मौसम विभाग के सटीक पूर्वानुमान और एनडीआरएफ के जवानों की वक्त पर तैनाती की वजह से न्यूनतम जन हानि हुई.
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली एनसीएसमी ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में राज्य तथा केंद्रीय एजेंसियों के साथ चक्रवात उम्पुन की स्थिति की समीक्षा की.
एक सरकारी बयान में बताया गया है कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिवों ने बताया कि मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही समय पर एवं सटीक साबित होने और एनडीआरएफ की अग्रिम तैनाती से पश्चिम बंगाल में लगभग पांच लाख लोगों और ओडिशा में लगभग दो लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में काफी सहूलियत हुई.
बयान में कहा गया है कि नतीजतन लोगों की मौत के आंकड़ों को सीमित रखना संभव हो पाया है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 1999 में ओडिशा में भारी तबाही मचाने वाले महा चक्रवाती तूफान के बाद ‘उम्पुन’ ही सर्वाधिक भीषण एवं उग्र था.