कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़ंस (एनआरसी) की फाइनल लिस्ट को विफल बताया है. उन्होंने कहा कि इस लिस्ट ने उन सभी लोगों का चेहरा उजागर कर दिया है जो इसे लेकर ‘राजनीतिक लाभ’ हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. सीएम ममता ने बड़ी संख्या में बंगालियों को एनआरसी की अंतिम सूची से ‘बाहर’ रखे जाने पर भी चिंता जताई.


ममता बनर्जी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘एनआरसी की विफलता ने उन सभी लोगों को उजागर कर दिया है जो इससे राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रहे हैं. उन्हें देश को बहुत जवाब देने है.’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसा तब होता है जब कोई कार्य समाज की भलाई और देश के व्यापक हित के बजाय गलत उद्देश्य के लिए किया जाये.’’ ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘मेरी हमदर्दी उन सभी, विशेषकर बड़ी संख्या में बांग्ला भाषी भाइयों और बहनों के साथ है, जो इस व्यर्थ की प्रक्रिया के कारण पीड़ित हुए हैं.’’


बता दें कि शनिवार को असम में गृह मंत्रालय ने एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी कर दी है. इसमें 19 लाख से अधिक लोगों के नाम शामिल नहीं हैं. फाइनल लिस्ट में कुल 3,30,27,661 करोड़ लोगों को शामिल किया गया है. हालांकि, जिन लोगों के नाम इस लिस्ट में नहीं हैं उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. ऐसे लोगों को 120 दिन का समय दिया जाएगा और इस दौरान वह फ़ॉरेन ट्रायब्यूनल में अपनी नागरिकता साबित कर सकते हैं.


फ़ॉरेन ट्रायब्यूनल में भी अगर किसी व्यक्त को न्याय नहीं मिलता है तो वह अंतिम तौर पर हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. जानकारी हो कि एनआरसी की फाइनल लिस्ट आने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का भी दौर शुरू हो गया है. दिल्ली बीजेपी चीफ मनोज तिवारी ने कहा है कि दिल्ली में भी एनआरसी लागू होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे आतंकवाद को खत्म करने में मदद मिलेगी.


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