(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mamata Banerjee On CAA: 'रमजान से पहले जानबूझ कर सीएए लेकर आई बीजेपी', ममता बनर्जी ने लगाया आरोप
Mamata Banerjee Attack On BJP: नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर लिया.
Citizenship Amendment Act: केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार (11 मार्च) को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इसे एक बड़ा कदम बताया जा रहा है. वहीं विरोधी दलों ने इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला करना भी शुरू कर दिया. इसी क्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बीजेपी को निशाने पर लिया.
उन्होंने कहा, “हम सीएए को न तो स्वीकार करते हैं और न करेंगे. आपने वोट दिया, आपके पास संपत्ति है, साइकिल है, जमीन है, आधार कार्ड है लेकिन ये सोचा कि फॉर्म भरते ही आप विदेशी हो जायेंगे. बीजेपी 2 सीटें जीतने के लिए आप लोगों के साथ धोखा कर रही है. यह नियम भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को नुकसान पहुंचा रहा है.”
'फॉर्म भरते ही अवैध घोषित कर दिए जाएंगे'
टीएमसी चीफ ने आगे कहा, "सीएए को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. जिन लोगों से फॉर्म भरने के लिए कहा जा रहा है, वे उसी पल अवैध प्रवासी बन जाएंगे, फिर उनकी संपत्ति का क्या होगा? प्रताणना, छलना, नागरिकों के अधिकारों को छीनने की कोशिश की जा रही है, जो कानून जारी किया है वो वैध है कि नहीं पता. चुनाव के पहले युद्ध-युद्ध खेल रहे हैं. असम में 13 लाख हिन्दुओं के नाम हटा दिए. जिन्हें अभी अप्लाई करने को कह रहे हैं, वो अप्लाई करते ही गैरकानूनी घुसपैठिया साबित हो जायेंगे, आपकी जमीनों, घरों का क्या होगा?"
'रमजान के समय जानबूझ कर लाया गया कानून'
बीजेपी पर हमला करते हुए सीएम बनर्जी ने कहा, "सोच रहे हैं कि हमने छक्का मारा है पर है ज़ीरो. कल से रमजान शुरु हो रहा है, ये सोचकर दिन का चयन किया. म्यांमार क्यों नहीं हुआ, अफगानिस्तान कैसे हो गया लिस्ट में? आप लोग जैसे ही अप्लाई करेंगे आपके अधिकार छीन लिए जायेंगे, ये एनआरसी के साथ जुड़ा है, डिटेनशन कैंप में डाल दिया जायेगा."
सीएए के तहत इन्हें मिलेगी नागरिकता
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीएए के जरिए पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को नागरिकता दी जाएगी. 2019 में संसद में पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी. हालांकि, देश में तब सीएए के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए थे. यह कानून अब तक इसलिए भी लागू नहीं हो पाया था क्योंकि इसके कार्यान्वयन के लिए नियमों को अब तक नोटिफाई किया जाना बाकी था.
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