ममता बनर्जी ने सिंगूर को कृषि-औद्योगिक हब बनाने की बात कही, क्या है इसकी वजह?
सिंगूर में छोटे स्तर पर ही सही ममता बनर्जी उद्योग स्थापना की बात कह रही हैं. इसका साफ मतलब यह है कि दीदी ने अब 12 सालों के बाद वापस से यूटर्न लिया है.
सिंगूर: सिंगूर में 12 साल पहले टाटा नैनो फैक्ट्री की फैक्ट्री स्थापना का काम ममता बनर्जी ने पूरा नहीं होने दिया था. जिसके चलते टाटा ने बंगाल के बदले गुजरात अपना आश्रय लिया था. अब उसी ममता बनर्जी ने सिंगूर को कृषि-औद्योगिक हब बनाने की बात कही, क्या है इसकी वजह?
सिंगूर में छोटे स्तर पर ही सही ममता बनर्जी उद्योग स्थापना की बात कह रही हैं. इसका साफ मतलब यह है कि दीदी ने अब 12 सालों के बाद वापस से यूटर्न लिया है.
उल्लेखनीय है कि बंगाल में बुद्धदेव भट्टाचार्य का एक स्लोगन- 'कृषि हमारा भरोसा, उद्योग हमारा भविष्य' पिछले दशक में काफी लोकप्रिय हुआ था.
अब सिंगूर में लोगों का भरोसा भी टूटा गया है क्योंकि उनका भविष्य जस का तस ही है. टाटा के चले जाने के 12 साल बाद फैक्ट्री के लिए जमीन देने वाले किसानों के पास न नौकरी और न ही खेती बची है. 'कृषि हमारा गौरव है और उद्योग खज़ाना है' - ममता बनर्जी की ये लाइन्स बुद्धदेव भट्टाचार्य से थोड़ी अलग है लेकिन लगभग वही सोच वाली है.
2021 विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को घोषणा की है कि सिंगूर में एग्रो प्रोडक्ट उद्योग खड़े किए जाएंगे. 11 एकड़ ज़मीन पर ये उद्योग खड़ा किया जाएगा. इसके लिए उद्योगपतियों के साथ भी दीदी ने बातचीत शुरू है.
ममता बनर्जी सिंगूर की ज़मीन से भले ही यूटर्न लेने की कोशिश कर रही हैं लेकिन इसी सिंगूर में आज किसान प्लेकार्ड लेकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए. इसके पीछे की वजह पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत बंगाल के किसानों के खाते में पैसे का नहीं आना है.
बीजेपी आरोप लगा रही है कि बंगाल की सरकार ने जिन किसानों को पैसा देने का वादा किया अभी तक उनका पेपर वर्क यानी उन्हें वेरीफाई करने का काम भी पूरा नहीं किया गया है.
किसान शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन सुनने के लिए सिंगूर के बेराबेरी इलाक़े में पहुंचे थे. उन्होंने साथ मे प्लेकार्ड लेकर अपनी मांग को भी सामने रखा. प्लेकार्ड में लिखा था कि वे पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6 हज़ार रुपये सालाना मांग कर रहे हैं.
इस बारे में बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा, ''क्यों बंगाल के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के पैसे अब तक नहीं मिले हैं? ममता सिंगूर में अब जो उद्योग खड़े करने की बात क्यों कह रही हैं? चुनाव के बाद दीदी सब भूल जाएंगी. चुनाव से पहले ये ललचाने वाली बातें है.''
हालांकि, टीएमसी का कहना है कि राज्य सरकार किसानों के लिए जो काम करती है वो केंद्र सरकार के किसी भी स्कीम में नहीं है और बीजेपी किसान विरोधी बिल पास कराने के बाद अब ड्रामा कर रही है .
राज्यसभा के सांसद और टीएमसी नेता ने कहा है, ''हम लोग हर एकड़ ज़मीन में किसानों को 5 हज़ार रुपये देते हैं, वही केंद्र सरकार की स्कीम में 1214 रुपये हर एकड़ ज़मीन में मिलता है. इससे यह साफ हो जाता है कि किसानों को लेकर बीजेपी ड्रामा कर रही है.''