पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीएसटी (GST) की नई दरों को लेकर केंद्र सरकार पर तगड़ा हमला बोला है. एक रैली में ममता बनर्जी ने कहा कि दही, चावल, अस्पताल के बेड तक पर जीएसटी लगा दिया गया है. ममता बनर्जी ने कहा कि कि मरने पर कितना जीएसटी लगाया जाएगा.
कोलकाता में आयोजित एक रैली में ममता बनर्जी ने अपने चिरपरिचित आक्रामक अंदाज में केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि ईडी, सीबीआई बीजेपी की रीढ़ हैं लेकिन इनके दम पर उनको कोई डरा नहीं सकता है. ममता ने कहा, 'मरने पर कितना जीएसटी चार्ज लगेगा. भारत के लोगों को और कितना लूटोगे. वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ने अपनी सरकार की तारीख करते हुए कहा कि राज्य में कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है. ताजपुर पोर्ट, न्यू सिलिकॉन वैली बंगाल में बहुत सारी नौकरियां पैदा हो रही हैं. राज्य को अगले 50 साल तक कोयले की चिंता नहीं करनी पड़ेगी.
गौरतलब है कि हाल ही में जीएसटी काउंसिल ने नई दरें लागू की हैं जिसमें कई ऐसी चीजों को टैक्स के दायरे में लाया गया है जिसको लेकर सरकार की आलोचना हो रही है. जीएसटी के नए स्लैब के मुताबिक पैकेट बंद और लेवल वाले प्रोडक्ट्स पर 18 फीसदी का टैक्स लगेगा. लेकिन सबसे ज्यादा आलोचना मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, मुरमुरे, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज को टैक्स के दायरे में लाने पर हो रही है. इन पर अब 5 फीसदी की दर से जीएसटी लागू है. अभी तक इन उत्पादों पर छूट मिली हुई थी.
इसके अलावा एटलस सहित मानचित्र और चार्ट, एक हजार रुपये प्रतिदिन से कम कीमत वाले होटल के कमरों और सौर वॉटर हीटर पर 12 फीसदी, 5,000 रुपये प्रति दिन (आईसीयू को छोड़कर) से ऊपर के अस्पताल के कमरे के किराए पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा. प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर’,एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर 18 फीसदी जीएसटी लागू कर दिया गया है.
सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह के लिये जारी होने वाले कांट्रैक्ट पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगेगा. इस पर अभी तक 12 फीसदी का ही जीएसटी लागू था. रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा कुछ सर्जरी से जुड़े उपकरणों को 5 फीसदी जीएसटी स्लैब में किया गया है. पहले इन पर 12 फीसदी का जीएसटी लागू था. ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जिसमें ईंधन की लागत शामिल है, उसको भी 12 फीसदी वाले स्लैब में लाया गया है जो कि अभी तक 18 फीसदी था.
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